हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली (Diwali) मनायी जाता है। दिवाली में धन-वैभव प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी एवं गणेश भगवान की पूजा की जाती है।
मान्यता के अनुसार जिस किसी व्यक्ति के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा हो जाए तो उसके जीवन में धन-समृद्धि और वैभव की कभी कमी नहीं होती है। जिस प्रकार सभी देवी-देवताओं का वाहन कोई न कोई पशु-पक्षी है। उसी प्रकार मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू (Owl) है।
आइए जानते हैं मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू (Owl) कैसे बना, क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा।
धार्मिक ग्रंथों से ज्ञात होता है कि सनातन धर्म के सभी देवी-देवताओं ने वाहन के रूप में पशु-पक्षियों का चुनाव किया है। इसके पीछे कई प्रचलित कथाएं हैं। कहा जाता है कि प्राणी जगत की संरचना करने के बाद एक रोज सभी देवी-देवता धरती पर विचरण करने के लिए आए। तब पशु-पक्षियों ने कहा कि हमें वाहन के रूप में चुनें और हमें कृतार्थ करें।
वहीं लक्ष्मीजी असमंजस में पड़ गई किसे अपना वाहन चुनें। लक्ष्मी जब वाहन चुनने में विचार-विमर्श कर रहीं थी तब अन्य पशु-पक्षियों में लड़ाई होने लगी। इस पर लक्ष्मीजी ने सभी को शांत कराया और कहा कि प्रत्येक वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन मैं पृथ्वी पर विचरण करने आती हूं। उस दिन मैं आप में से किसी एक को अपना वाहन बनाऊंगी।