Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय, रूठे पितरों होंगे प्रसन्न

Vaishakh Amavasya

Vaishakh Amavasya

पितृ दोष के ज्योतिषियों कारणों पर नजर डालें तो पता चलता है की कुंडली के नवम ग्रह या उसके स्वामी ग्रह से पाप ग्रह का संबंध पितृ दोष का कारण बनता है, वही लग्न में चतुर्थ, पंचम, सप्तम या नवम भाव में भाग्य चंद्र या सूर्य पाप ग्रह से पीड़ित हो तो पितृदोष लगता है।

इसके साथ ही व्यावहारिक तौर पर देखें तो पितरों का श्राद्ध कर्म, पिंडदान नहीं करने पर भी पितृ दोष लगता है। घर में अगर किसी महिला के संग अत्याचार होता है तो भी पितृ दोष लगता है। पितृ दोष के कई कारण हो सकते हैं पितृ दोष में व्यक्ति का जीवन बिल्कुल रुक जाता है, अड़चन और परेशानियां इंसान को घेर लेती हैं पता नहीं चलता के व्यक्ति के संग ऐसा क्यों हो रहा है लेकिन यह पितृ दोष के लक्षण हो सकते हैं।

वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) पितरों को कैसे करें प्रसन्न?

कारण चाहे जो भी हो पितृ दोष के लिए वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya) की तिथि को बेहद खास बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र में वैशाख अमावस्या को पित्र मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन पितृ दोष के उपाय को करने से पितृ दोष से राहत और पितरों को प्रसन्न करके उन्हें मुक्ति दिलाई जा सकती है। पितृ दोष को दूर करने के लिए हम आपको कुछ ज्योतिष उपाय बता रहे हैं जिन्हें अमावस्या के दिन करने से पितर प्रसन्न होते हैं।

पितृ दोष दूर करने के सरल उपाय

>> किसी नदी या तालाब के निकट स्थित शिव मंदिर में रुद्राभिषेक पूजन करें।
>> अमावस्या को अपंग, नेत्रहीन, अनाथ, कोड़ी या अत्यंत वृद्ध व्यक्ति को खाने की सामग्री दान करें।
>> अमावस्या की संध्या को पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं।
>> अमावस्या के दिन ब्राह्मण को भोजन करायें।
>> किसी नदी या तालाब के किनारे पीपल का पेड़ लगाए।
>> अमावस्या को कच्चा दूध, पानी, काले तिल एक साथ मिलाकर बरगद की पेड़ की जड़ में चढ़ाएं।
>> इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में एक जनेऊ पीपल के पेड़ को अर्पित करें और एक जनेऊ विष्णु भगवान को अर्पित करें, फिर पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें परिक्रमा करते वक्त ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
>> अमावस्या तिथि को अपने पितरों का तर्पण करें, पितरों का ध्यान करके हुए जल, काला तिल, चीनी, चावल चढ़ाते हुए ओम पितृभ्य नमः मंत्र का जाप करें।

Exit mobile version