हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाया जाता है। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर इस दिन को सभी शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम का आयोजन होता है। यह दिन शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर करने का दिन होता है। शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें स्टूडेंट्स टीचर्स पर स्पीच देते हैं। अगर आप भी इस साल ऐसे ही किसी कार्यक्रम का हिस्सा बनने जा रहे हैं तो एक शानदार भाषण जरूर तैयार कर लें।
शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) शिक्षकों के लिए और उनके छात्रों दोनों के लिए ही खास होता है। ऐसे में आपको एक अच्छा स्पीच तैयार कर लेना चाहिए जिससे आपके टीचर्स के साथ-साथ सभा में मौजूद सभी इम्प्रेस हो जाएं। यहां कुछ ऐसे पॉइंट्स बता रहे हैं जिससे कि आप आसानी से और बहुत अच्छी स्पीच तैयार कर सकते हैं।
Teacher’s Day Speech ऐसे शुरू करें
स्पीच लिखते और तैयार करते समय सबसे पहले अपना परिचय दीजिए। इसके बाद सभा मौजूद अतिथियों, शिक्षकों और छात्रों को सम्मान देते हुए अपने भाषण की शुरुआत करिए। कुछ शिक्षकों से संबंधित श्लोक या अन्य रचनाओं के बारे में आपको जानकारी है तो आप उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं। भाषण की शुरुआत में आप लोगों को बताएं कि आखिर क्यों शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनी के बारे में बात करें।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में बताएं
देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक मशहूर दार्शनिक और शिक्षाविद थे। 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में जन्मे डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
जानें अलग-अलग देशों में किस वजह से मनाते है Teacher’s Day
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक शिक्षक भी थे और शिक्षा के क्षेत्र में उनका अहम लगाव था। उन्होंने 40 साल तक शिक्षक के रूप में काम किया। अपने जीवन काल के दौरान वह एक मेधावी छात्र, प्रसिद्ध शिक्षक, एक बहुप्रसिद्ध लेखक और प्रसाशक भी रहे।
स्पीच का अंत
अपने भाषण के अंत में एक बार फिर सभी गुरुओं को नमन करें। उनके लिए कुछ लाइनें कह सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए लाइन्स में से कोई एक बोल सकते हैं-
1) गुरु तेरे उपकार का, कैसे चुकाऊं मैं मोल,
लाख कीमती धन भला, गुरु हैं मेरे अनमोल।
2) शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है।।