दरभंगा। बिहार में दरभंगा जिले की एक अदालत ने दहेज हत्या के दोषी युवक को दस वर्ष के सश्रम कारावास (Imprisonment) की सजा सुनाई है।
दरभंगा व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उदयवंत कुमार ने नगर थाना क्षेत्र के रत्नोपट्टी मुहल्ला निवासी सुरेन्द्र साह को दहेज के लिए अपनी पत्नी सविता की हत्या किए जाने के मामले में दस वर्षों का कठोर कारावास (Imprisonment) और सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अदालत ने सजा के बिन्दु पर अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद दोषी पति सुरेन्द्र साह को भारतीय दंड विधान की धारा 304 (बी) में दस वर्षों का सश्रम कारावास और धारा 498(ए) में दो वर्ष तथा दोनो धाराओं में क्रमशः पांच हजार और दो हजार रुपये अर्थदंड चुकाने का आदेश दिया है। अर्थदंड नही जमा करने पर छह माह तथा तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने गत 19 जुलाई को ही मामले में सुनवाई पूरी कर मृतिका के पति को भादवि की धारा 498 ए (गृह प्रताड़ना) और 304 बी (दहेज हत्या) के जुर्म में दोषी करार दिया था।
श्री सिंह ने बताया कि मधुबनी जिला अन्तर्गत राजनगर थाना क्षेत्र के गौसनगर निवासी सानिया के भाई अनिल कुमार साहू ने नगर थाना में 9 नवंबर 2016 को लिखित आवेदन दिया कि 24 अप्रैल 2016 को मेरी बहन की शादी नगर थानाक्षेत्र के रत्नोपट्टी निवासी सुरेन्द्र साह के साथ की थी। बहन के ससुराल वाले पांच लाख रुपया दहेज की मांग कर रहे थे। आठ नवंबर 2016 की रात 8 बजे सूचना मिली कि बहन की मौत गई है और शव थाने पर रखा हुआ है।
सूचक के लिखित आवेदन पर पति सुरेन्द्र साह, ससुर स्वामी शरण कापड़ी तथा देवर बिरेन्द्र साह के विरुद्ध नगर थाना में कांड सं.207/16 दर्ज हुई।अनुसंधान के बाद 29 जनवरी 2017 को पति के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया गया। बाद में ससुर और देवर के विरुद्ध 30 जूलाई 17 को दूसरा आरोप पत्र समर्पित किया गया। अदालत में मामले का विचारण प्रारंभ हुआ।
ट्रायल के दौरान 20 अप्रैल को जेल में रहते ही ससुर स्वामी शरण कापड़ी की मौत हो गई। वहीं, अदालत ने साक्ष्य के अभाव में देवर बिरेन्द्र साह को रिहा कर दिया।