दरभंगा। बिहार में दरभंगा व्यवहार न्यायालय के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने दहेज हत्या (Dowry Death) के जुर्म में पति समेत तीन लोगों कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
श्री दिवाकर की अदालत ने मामले में सुनवाई के बाद आरोपित पति यशोदानंद मिश्र को बारह साल की कठोर कारावास तथा दस हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। वहीं, मृतिका के सास मुन्द्रिका देवी और ससुर हेमनारायण मिश्र को सात-सात साल की कठोर कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी है।
सहायक लोक अभियोजक रेणू झा ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र के दुलारपुर गांव के अशोक कुमार चौधरी ने अपनी पुत्री कंचन कुमारी की शादी 15 फरवरी 2014 को मनीगाछी थाना क्षेत्र के मकरन्दा गांव में मुंद्रिका देवी और हेमनारायण मिश्र के पुत्र यशोदानंद मिश्र के साथ धुमधाम से की थी। शादी पश्चात कंचन को एक पुत्र आदर्श जन्म लिया। दहेज के लिए सास, ससूर और पति ने लगातार कंचन को प्रताड़ित कर रहे थे। इस बीच 12 मार्च 2018 को उक्त आरोपी ने कंचन को केरोसीन तेल छिड़ककर जला डाला। इलाज के दरम्यान उसकी मौत हो गई।
मामले को लेकर मृतिका के पिता अशोक चौधरी ने मनीगाछी थाना में दिनांक 22 अप्रैल 18 को प्राथमिकी सं.79/18 संस्थित कराया। अदालत ने शुक्रवार को इस सत्रवाद संख्या 95 /19की सुनवाई पूरी करते हुए भारती दंड विधान की धारा 304 बी, 498A/34 में सास, ससुर को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया है। वहीं, हत्यारा पति पांच वर्षों से जेल में ही है।
श्रीमती झा ने बताया कि इस जघन्य मामले में अभियोजन पक्ष से छह गवाहों की गवाही हुई। मृतिका का पुत्र आदर्श ने महज पांच साल की आयु में हत्या की आंखों देखा विवरण कोर्ट के समक्ष अपने बयान में कहा था। अदालत ने दहेज के लिए हत्या (Dowry Death) कर दिये जाने के जुर्म 304 (बी) में सास एवं ससुर को 7-7 वर्ष की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है तथा अर्थदण्ड भुगतान नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा। वहीं, 498 (ए) में दो साल की कारावास की सजा सुनाई है। हत्यारे पति को 304 (बी) में 12 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अर्थदण्ड भुगतान नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा। 498 (ए) में पति को 2 साल की कारावास की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी।