जो जंगलात में आ गया हूं मैं
ढूंढता ख्वाबों को यहां यारों
सोई रात में आ गया हूं मैं
सारी नजरें घूर रहीं मुझको
जिस हालात में आ गया हूं मैं
ना कोई दोस्त न कोई हमदम
ऐसी बारात में आ गया हूं मैं
बिजलियां मुझे डरा नहीं पाईं
लो बरसात में आ गया हूं मैं
कोई ख़रीद ना पाया मुझको
तो ख़ैरात में आ गया हूं मैं