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कानून वापस नहीं हुए तो आत्महत्या कर लूंगा : राकेश टिकैत

राकेश टिकैत Rakesh Tikait

राकेश टिकैत

नई दिल्ली। राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि कृषि कानून वापस नहीं हुए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। उन्होंने कहा कि देश के किसानों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मैं सरेंडर नहीं करूंगा। लाल किले पर जिसने भी झंडा फहराया है, उसकी जांच होनी चाहिए।

किसान आंदोलन में शामिल किसानों का अब बिजली कटने के बाद खाने-पीने और अन्य कामों के लिए जरूरी पानी भी न मिलने का आरोप है। उत्तराखंड के एक किसान ने बताया कि वह कौशांबी में टैंकर लेकर पानी लेने गए थे मगर वहां मौजूद कर्मचारियों ने पानी देने से मना कर दिया। इसके साथ ही गाजियाबाद नगर निगम यहां से अपने शौचालय भी वापस ले गई है। इस पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने आंदोलन स्थल पर पानी बंद कर दिया है जिससे किसान परेशान होकर यहां से चले जाएं, इसके बाद उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लंबा चलेगा, दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस मिलने को लेकर कहा कि वकील द्वारा दिल्ली पुलिस के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा।

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किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जबरदस्ती से किसान आंदोलन बंद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब तक सांस चलेगी तब तक लड़ेंगे। अभी हमारी कोई योजना नहीं है। अभी हम मीटिंग करेंगे। पता नहीं सरकार क्या-क्या षड्यंत्र करती है।

दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा के संबंध में दिल्ली के कई पुलिस स्टेशनों पर 33 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उनमें से नौ को अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस मामले में किसान नेताओं सहित 44 लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है।

मथुरा जिले के नौहझील क्षेत्र में 20 जनवरी से भारतीय किसान कल्याण समिति के बैनर तले किसान नेता चौ. रामबाबू सिंह कटैलिया के नेतृत्व में आयोजित धरना-प्रदर्शन 9वें दिन स्थगित कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद चौ. बाबूलाल, डीएम नवनीत चहल, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर की गुरुवार को तकरीबन डेढ़ घंटे किसान नेताओं से 11 सूत्रीय मांग पत्र पर वार्ता हुई। इसके बाद किसान मान गए।

लाल किले पर तिरंगे के अपमान को लेकर जिस लक्खा सिधाना को दिल्ली पुलिस ढूंढ रही है, वह किसानों के आंदोलन में बैठा है। गुरुवार को दोपहर बाद लक्खा सिधाना ने किसान आंदोलन से लाइव होकर पंजाबियों से इस आंदोलन को बचाने की अपील की। उसका कहना है कि जो भी घटना हुई है, उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।

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