ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ-अशुभ योगों का निर्माण करती है. जहां शुभ योग जातक के जीवन में कई बड़ी उपलब्धियों के कारण बनते हैं, वहीं अशुभ योग मनुष्य को राजा से रंक भी बना सकते हैं. अशुभ योगों की श्रेणी में सबसे पहले हम बात करेंगे कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के बारे में. यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष होता है तो उसे आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं कालसर्प (Kaal Sarp Dosh) दोष के लक्षण और उसके उपाय
क्या होता है कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में राहु और केतु द्वारा निर्मित बुरे प्रभाव को कालसर्प दोष कहा जाता है. यदि किसी जातक की जन्मकुंडली में राहु और केतु के बीच में ग्रह आ जाते हैं तो इस दोष को ही कालसर्प दोष कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में काल के नाम से राहु को दर्शाया जाता है, जिसका अर्थ मृत्यु होता है और सर्प को केतु का अधिदेवता कहा जाता है सर्प का अर्थ सांप होता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को सांप का मुख और केतु को सांप की पूंछ माना गया है. जिन जातक की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनकी कुंडली से राहु और केतु अच्छे प्रभाव को नष्ट कर देते हैं.
कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष निर्मित होता है उस दौरान जातक को अनेक तरह की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें संतान से जुड़े कष्टों का भी सामना करना पड़ता है
ऐसे जातकों को नौकरी में अनेक तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ता है. इन लोगों का नौकरी में स्थायित्व नहीं होता.
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उन्हें हमेशा सपने में मृत्यु या सांप दिखाई देते हैं.
कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के उपाय
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष निवारण के लिए शनिवार के दिन बहते पानी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित करें.
- कालसर्प दोष निवारण के लिए बहते पानी में मसूर की दाल और साबुत नारियल प्रवाहित करें लाभ होगा.
- कालसर्प दोष निवारण के लिए सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना और भगवान शिव की प्रतिमा पर नियमित रूप से दूध मिला जल पतली धारा में अर्पित करना लाभकारी माना गया है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष निवारण के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से उसका प्रभाव कम होता है. साथ ही पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा भी प्रत्येक शनिवार को नियमित रूप से करते रहना चाहिए.