लाइफस्टाइल डेस्क। शहद एक ऐसा पदार्थ है, जिसे दुनियाभर में स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसे आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वैसे तो शहद का सेवन कभी भी किया जा सकता है, लेकिन सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग इसका सेवन करना पसंद करते हैं। इसकी वजह ये है कि शहद की तासीर गर्म मानी जाती है और इसके सेवन से शरीर में गर्मी बनी रहती है, लेकिन इसके लिए शुद्ध शहद का होना अति आवश्यक है।
दरअसल, आजकल बाजार में मिलावटी शहद भी मिलने लगे हैं, जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि देश के 13 में से 10 प्रमुख ब्रांड के शहद में मिलावट है। उसमें चीनी का इस्तेमाल किया गया है, इसलिए वो एनएमआर के टेस्ट में फेल हो गए।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में जिन ब्रांडों के शहद में मिलावट का दावा किया गया है, उनमें डाबर, पतंजलि, एपिस हिमालया, बैद्यनाथ, झंडु और हितकारी जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं। इसके अलावा छोटे ब्रांड्स में दादेव, इंडीजीनस, हाय हनी और सोसाइटे नेचुरेल्ले के शहद को भी मिलावटी पाया गया है। हालांकि सीएसई की रिपोर्ट के बाद डाबर ने मीडिया में बयान जारी किया था और कहा था कि इस रिपोर्ट से ब्रांड की छवि खराब हो रही है। उनका शहद जर्मनी से एनएमआर टेस्ट में सफल रहा है और भारतीय मानकों पर खरा उतरता है। लेकिन इसके बावजूद सीएसई ने कहा था कि वो अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं।
चूंकि इस कोरोना काल में लोग अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तरह-तरह की चीजों का सेवन कर रहे हैं, जिसमें शहद भी शामिल है। ऐसे में हो सकता है कि लोग शुद्ध शहद के बजाए मिलावटी शहद का ही सेवन कर रहे हों। इसलिए शुद्ध शहद की पहचान करना बहुत ही जरूरी है, ताकि आप मिलावट के जहर से बच सकें। आइए जानते हैं उन तरीकों के बारे में, जिनसे आप घर बैठे यह पहचान कर सकते हैं कि आपका शहद शुद्ध है या मिलावटी।
शहद की शुद्धता जांचने के लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाएं और उसे पानी में घोलने की कोशिश करें। ऐसा माना जाता है कि शुद्ध शहद जल्दी से पानी में घुल नहीं पाता है। इस जांच के दौरान एक बात का और ध्यान दें कि अगर पानी में सफेद झाग जैसा कुछ नजर आने लगे तो समझ जाइए कि वो शहद मिलावटी है।
eशुद्ध शहद की पहचान के लिए सबसे पहले माचिस की एक तिल्ली लें और उसे शहद में डुबोकर जलाएं। ऐसा माना जाता है कि अगर तिल्ली पूरी तरह जल जाए तो समझ जाइए कि शहद नकली है, मिलावटी है जबकि शुद्ध शहद कुछ देर के लिए ही आग पकड़ता है और बाद में बुझ जाता है।