नई दिल्ली। देश की राजधनी दिल्ली प्रदूषण और कोरोना वायरस की दोहरी मार झेल रही है। हवा की स्थिति सुधारने के लिहाज से दिल्ली सरकार ने पटाखे पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में गुरुवार को एयर क्वालिटी पर निगरानी रखने वाली केंद्र की एजेंसी सफर की तरफ से बड़ा बयान आया है। एजेंसी का कहना है कि अगर दिल्ली में दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं, तो पीएम 2.5 का स्तर बीते चार सालों में सबसे कम रहने की संभावना है।
सफर ने कहा कि अगर दिल्ली में पटाखों से होने वाला उत्सर्जन नहीं होता है, तो प्रदूषण का स्तर ‘बहुत खराब’ कैटेगरी की सीमा पर रहने की संभावना है। एजेंसी के मुताबिक, अगर बिल्कुल भी पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं, तो पीएम 2.5 का स्तर चार सालों में सबसे कम रह सकता है, क्योंकि दिल्ली की सतही हवा पॉल्यूटेंट्स को हटाने में मदद करेंगी।
पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन उड़ी में 2 जवान शहीद, 4 नागरिकों की मौत
दरअसल, पीएम 2.5 एक ऐसा तत्व होता है, जो इंसानी बाल के डायमीटर का करीब तीन प्रतिशत होता है। बता दें कि इसकी वजह से समय से पहले मौत और फेफड़ों में बीमारी जैसी परेशानी हो सकती है। बता दें कि जीरो से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 को बेहद खराब माना जाता है, जबकि, 401 से 500 को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।
सफर का कहना है कि पराली जलाए जाने का असर भी राजधानी के प्रदूषण पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से एक्यूआई बहुत कम से मध्यम तक बढ़ सकती है। एजेंसी ने कहा कि 15 नवंबर को दिन की शुरुआत में अगर पटाखे जलाए जाते हैं। पीएम 2.5 में बढ़त हो सकती है।
बीते 5 नवंबर को दिल्ली सरकार ने सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का यह प्रतिबंध 7 से 30 नवंबर तक जारी रहेगा। वहीं, सोमवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने भी एनसीआर में सभी तरह के पटाखों पर 9 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक रोक लगा दी है।