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शनि की महादशा को करना है दूर, तो ऐसे करें पूजा मिलेगा आशीर्वाद

Shani Jayanti

Shani Jayanti

शास्त्रों में भगवान शनिदेव को न्याय एवं कर्म प्रधान देवता माना गया है शनिदेव मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनिदेव को सूर्य का पुत्र कहा जाता है। शनिदेव को लेकर लोगों के बीच कई धारणाएं बनी हुई हैं। शनिदेव को नकारात्मक तरीके से देखा जाता है। आमतौर पर अवधारणा है कि शनि देव लोगों की बुरा करते हैं जबकि ऐसा नहीं है। शनिदेव की पूजा अर्चना करने से जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं। विशेषतौर पर शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाए तो कई तरह की समस्याओं का समाधान होता है।

शनिवार के दिन पूजा का है विशेष महत्व 

शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए खास माना जाता है। शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने व उनकी कृपा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के पूजन किए जाते हैं। शनिवार को कौन सा कार्य करना चाहिए व कौन सा नहीं इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। जिससे अनजाने में भी शनिदेव का कुप्रभाव न पड़े।

>> शनिवार को ये न करें  शनिवार को घर में तेल खरीद कर नहीं लाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शनिदेव का कुप्रभाव घर-परिवार पर पड़ता है। शनिवार के दिन लोहे की कोई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए, किसी भी काली वस्तु का दान नहीं करना चाहिए। शनिवार को शरीर पर सरसों का तेल नहीं लगाना चाहिए।

>> शनिदेव की पूजा शनिदेव की कृपा पाने के लिए हर शनिवार को शनिदेव पर तेल चढ़ाना चाहिए। हर शनिवार मंदिर में शनिदेव की मूर्ति पर काले तिल का तेल चढ़ाएं। तिल, तैल और छायापात्र शनिदेव को अत्यन्त प्रिय माने जाते हैं। इन चीजों का दान शनि की शान्ति का प्रमुख उपाय है। मान्यता है कि यह दान शनि देव द्वारा दिए जाने वाले कष्टों से निजात दिलाता है।

>>  छायापात्र दान की विधि बहुत ही सरल है। मिट्टी के किसी बर्तन में सरसों का तेल, उसमें अपनी छाया देखकर उसे दान कर दें। यह दान शनि के आपके ऊपर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दूर कर उनकी कृपा देते हैं।

>> रत्नधारण करें वैदिक ज्योतिष में विभिन्न जड़ों की मदद से ग्रहों की शान्ति का विधान है। कई ज्योतिषियों का मानना है कि रत्न धारण करना नुकसान भी पहुंचा सकता है, लेकिन जड़ धारण करने से ऐसी आशंका नहीं रहती है। रत्न ग्रह की शक्ति बढ़ाने का काम करते हैं, वहीं जडिय़ां ग्रहों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का कार्य करती हैं।

>> धतूरे की जड़ धारण करें – शनिदेव को खुश कर उनकी कृपा पाने के लिए ग्रन्थों में धतूरे की जड़ को धारण करने की सलाह दी गई है। धतूरे की जड़ का छोटा-सा टुकड़ा गले या हाथ में बांधकर धारण किया जा सकता है। इस जड़ी को धारण करने से शनि की ऊर्जा आपको सकारात्मक रूप से मिलने लगेगी और जल्दी ही आपको खुद अन्तर महसूस होगा।

>> रुद्राक्ष धारण करें, जडिय़ों की ही तरह रुद्राक्ष को भी हानि रहित उपाय की मान्यता प्राप्त है। सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना न सिर्फ भगवान शिव को प्रसन्न करता है, बल्कि शनिदेव का आशीर्वाद भी दिलाता है। पुराणों के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है और लक्ष्मी मैया की कृपा हमेशा बनी रहती है। साथ ही सेहत से जुड़ी समस्याओं में भी इसे बहुत प्रभावी माना जाता है। इस रुद्राक्ष को सोमवार या शनिवार के दिन गंगा जल से धोकर धारण करने से शनि जनित कष्टों से छुटकारा मिलता है और समृद्धि प्राप्त होती है।

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