• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

रेल को अगर भारत की लाइफलाइन और संस्कृतियों व सभ्यताओं की वाहक कहा जाए तो कदाचित गलत नहीं

Desk by Desk
29/12/2020
in Main Slider, उत्तर प्रदेश, ख़ास खबर, नई दिल्ली, राजनीति, राष्ट्रीय
0
भारत की लाइफलाइन Lifeline of india

भारत की लाइफलाइन

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

रेल भारत को जोड़ने और एक करने का काम करती है। वह एक प्रांत को दूसरे प्रांत से जोड़ती है। एक देश को दूसरे देश से जोड़ती है। रेल को अगर भारत की लाइफलाइन और संस्कृतियों व सभ्यताओं की वाहक कहा जाए तो कदाचित गलत नहीं होगा। देश की एकता, अखंडता और अक्षुण्णता बनाए रखने में भारतीय रेल की भूमिका अप्रतिम है। उस रेल के विकास में बढ़ाया गया एक कदम भी इस देश को आर्थिक, सामाजिक, वैचारिक और सांस्कृतिक मजबूती देता है।

इसमें संदेह नहीं कि भारत निरंतर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है। संरचनात्मक विकास यहां जिस तेजी के साथ हो रहा है, उसकी सराहना की जानी चाहिए। कोरोना जैसी संघातक बीमारी से देश अभी भी जूझ रहा है। कोरोनाजन्य लॉकडाउन के दौर में निर्विवाद रूप से इस देश का कारोबार और अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। भारतीय रेल भी इसका अपवाद नहीं रही है लेकिन ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के जरिए केंद्र सरकार ने विकास की जो नई इबारत लिखी है, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

लॉकडाउन हटने के बाद इस देश की औद्योगिक गतिविधियां ज्यों ही शुरू हुईं, किसानों का आंदोलन आरंभ हो गया। एक माह से अधिक समय से आंदालित किसानों से केंद्र सरकार की 30 दिसंबर को वार्ता होनी है, यह वार्ता क्या रूप लेगी, सफल होगी या विफल, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन केंद्र सरकार ने किसानों के लिए चलाई गई 100 ट्रेनों की क्षमता बढ़ाने, उनकी गति बढ़ाने की दिशा में भी काम किया है। यह किसानों को राहत देने वाली बात है।

इस योजना के जरिए सरकार किसानों को फिर यह जताने की कोशिश कर रही है कि किसान भले ही आंदोलन के जरिए सरकार और जनता की परेशानी बढ़ाएं लेकिन सरकार तो उनका हित ही चाहती है और इसके अलावा उसका कोई और अभीष्ठ है भी नहीं। इसमें शक नहीं कि सरकार देश के विकास के सरंजाम जुटाने की दिशा में निरंतर प्रयत्नशील है, इसका अंदाज उसकी दैनिक गतिविधियों और क्रियाकलापों से सहज ही लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के वर्चुअली उद्घाटन को कमोवेश इसी रूप में देखा जा सकता है।

जदयू ने चलाया बीजेपी पर तीर, फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं

अगर वह यह कह रहे हैं कि इस कॉरिडोर के रूट पर जब पहली मालगाड़ी की दौड़ में नए आत्‍मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना स्‍पष्‍ट सुनी जा सकती है तो वह गलत भी नहीं है। हर क्रिया की अपनी प्रतिक्रिया होती है। हमारी सक्रियता और गतिशाीलता ही हमारे उज्जवल भविष्य का निर्माण करती है। प्रधानमंत्री के शब्दों में आज का दिन न केवल खास है बल्कि भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है। यह दिन भारत व भारतीय रेल की सामर्थ्‍य बढ़ाने वाला है।

351 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर 5,750 करोड़ रुपये का खर्च आया है। कोरोना महामारी और किसानों, मजदूरों को आर्थिक सहयोग देते हुए सरकार ने अगर आम आदमी की परेशानियों को दूर करने वाला कोई कॉरिडोर बनाया है तो इससे उसकी सबका साथ—सबका विकास की भावना ही परिलक्षित होती है। इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद जाहिरा तौर पर उत्तर प्रदेश को लाभ होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश का 75 प्रतिशत हिस्सा इस कॉरिडोर मार्ग से जुड़ता है।

इसके निर्माण से मौजूदा कानपुर-दिल्‍ली मुख्‍य लाइन पर भीड़ का दबाव कम होगा और इससे भारतीय रेलों की गति भी बढ़ेगी।इसकी वजह यह है कि इस मार्ग पर केवल मालवाहक रेलगाड़ियां ही चलेंगीं इससे व्यापारियों को भी लाभ होगा और रेलयात्रियों की भी सुविधा बढ़ेगी। उन्हें अनावश्यक विलंब का सामना नहीं करना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र का भी उद्घाटन करते हुए कहा है कि देश में यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है, ऐसे में इन गाड़ियों को रास्‍ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को रोका जाता है। इससे दोनों ट्रेनें विलंब से चलती हैं। उन्होंने बताया है कि इस कॉरिडोर में प्रबंधन और डेटा से जुड़ी नयी तकनीक का विकास देश के युवाओं ने ही किया है।

उन्होंने ऐसी तकनीक विकसित की है कि मालगाड़ियां तीन गुना अधिक रफ्तार के साथ पटरी पर दौड़ सकेंगी। लगे हाथ उन्होंने राजनीतिक दलों को देश के संरचनात्मक और ढांचागत विकास पर राजनीति न करने की सलाह भी दी है। उन्होंने बेहद पते की बात कही है कि देश का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर किसी दल की विचारधारा का नहीं, देश के विकास का मार्ग होता है। यह आने वाली अनेक पीढ़ियों को लाभ देने का मिशन है। उन्होंने राजनीतिक दलों से इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की गुणवत्ता, गति और मानक को लेकर स्‍पर्धा करने का आग्रह किया है। खैर, इसी तरह की सलाह वे पाकिस्तान को भी देते रहे हैं, लेकिन भारत के साथ विकास में प्रतिस्पर्धा पाकिस्तान ने आज तक नहीं की।

विपक्ष भी ऐसा करेगा, इसकी संभावना नहीं के बराबर है। विपक्ष का काम होता है सरकार का विरोध करना और वह ऐसा कर भी रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को चाहिए कि वे विकास कार्यों को निरंतर अंजाम देती रहें। लोकतंत्र की यही मांग भी है। यह बात सच है कि जब हमें बड़ा बनना होता है तो हमें अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना होता है न कि आलोचना—प्रत्यालोचना पर। विश्व की बड़ी आर्थिक ताकत बनने के लिए भारत के लिए प्राथमिक जरूरत यह है कि उसके पास बेहतरीन संपर्क मार्ग हों। बेहतरीन क्षमता हो।

जल, थल, नभ मार्ग से वह आसानी से कहीं भी आने—जाने में सक्षम हो। प्रधानमंत्री के इस दावे में दम है कि ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के बनने से औद्योगिक रूप से पिछड़े पूर्वी भारत को नई ऊर्जा मिलेगी। इस कॉरिडोर का करीब 60 प्रतिशत हिस्‍सा उत्‍तर प्रदेश में पड़ता है और इसका लाभ प्रदेश के हर छोटे—बड़े उद्योगों को मिलना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने प्रयागराज स्थित परिचालन नियंत्रण केंद्र को नये भारत के नये सामर्थ्‍य का प्रतीक और दुनिया के बेहतरीन आधुनिक नियंत्रण केंद्रों में से एक बताया है। प्रबंधन और डेटा से जुड़ी जो तकनीक है वह भारत में ही भारतीय युवाओं ने तैयार की है।

इस रूट पर डबल डेकर मालगाड़ियों को भी चलाने की योजना है जाहिर है, इससे इस कॉरिडोर के रूट पर मालगाड़ियां पहले से अधिक माल ढो सकेंगी। सच तो यह है कि इस नए फ्रेट कॉरिडोर में किसान रेल और तेजी से अपने गंतव्‍य पर पहुंचेगी। उत्‍तर प्रदेश में कई रेलवे स्‍टेशन और उसके आसपास के किसान न केवल इस रेलसेवा से जुड़ेंगे। कुछ जुड़ गए हैं। कुछ जुड़ रहे हैं। जिस तरह रेलवे स्‍टेशनों पर भंडारण क्षमता बढ़ाई जा रही है, उससे भी किसानों और व्यापारियों को लाभ होगा, इस बात को नकारा नहीं जा सकता।

भारत में आधुनिक रेलों का निर्माण और निर्यात दोनों हो रहा है। रायबरेली में अब तक पांच हजार से ज्‍यादा रेल कोच बन चुके हैं और विदेशों को भी निर्यात किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां रेलवे का ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन भी है। जाहिर सी बात है कि इसका लाभ यहां के कारोबारियों को होगा।इससे उत्तर प्रदेश में अधिकतम रोजगार सृजन की संभावनाएं भी बनेंगी। उत्तर प्रदेश में एक जिला—एक उत्पाद योजना प्रमुखता से चलाई जा रही है। ये फ्रेट कॉरिडोर हर जिले में बनने वाले उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने में भी सहायक होंगे।

गौरतलब है कि यह योजना 11 साल पहले आरंभ हुई थी लेकिन तत्कालीन सरकार की उपेक्षा के चलते यह उस तेजी से आगे नहीं बढ़ पाई जितनी कि छह साल के मोदी राज में बढ़ी है। इसका लाभ उत्तर प्रदेश के कानपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, औरैया, फतेहपुर, इटावा, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आस-पासलगे उद्योग जगत के लिए ही लाभप्रद होगा, ऐसी बात नहीं है। 351 किलोमीटर लंबा यह ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन तक है। इसकी कुल लंबाई 1856 किलोमीटर तक विस्तृत होनी है। पंजाब के लुधियाना से शुरू होकर हरियाणा, यूपी, बिहार और झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक इसका विस्तार होना है। जाहिर है कि उक्त राज्य भी इस कॉरिडोर के लाभ से वंचित नहीं रहेंगे।

यह सच है कि उत्तर प्रदेश में वंदे भारत व तेजस जैसी द्रुतगति वाली ट्रेनों का भी संचालन हो रहा है। 6 हजार से अधिक नई लाइन बनी हैं। अमान परिवर्तन हुआ है। रेल लाइनों के दोहरीकरण की परियोजनाओं पर काम चल रहा है कि आने वाले समय में भारत में ट्रेनें तेज गति से भी चलेंगी और नागरिकों को आधुनिक सुविधाओं से भी जोड़ेंगी। केंद्र सरकार 1504 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न कॉरिडोर का भी निर्माण करवा रही है। ये ग्रेटर नोएडा के दादरी से शुरू होकर मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बन रहा है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में मालवाहक ट्रेनों के लिए अलग से पटरियां बिछाने का जो फैसला लिया है, उसके दूरगामी प्रभावों और औद्योगिक विस्तार की संभावनाओं को नजरंदाज नहीं जा सकता।

Tags: Lifeline of indiarailभारत की लाइफलाइन
Previous Post

पत्नी को रंगरेलिया मनाते देख पति ने खोया आपा, जानिए फिर…

Next Post

श्रीनगर में सुरक्षाबलों की सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू

Desk

Desk

Related Posts

Vijay Rupani
Main Slider

लकी नंबर ही विजय रूपाणी के लिए बना ‘काल’ , जानें पूर्व सीएम का 1206 कनेक्शन

13/06/2025
Bhagavad Gita
Main Slider

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बड़ा चमत्कार! आग के बीच भी भगवद गीता रही सुरक्षित

13/06/2025
Heat
Main Slider

प्रचंड गर्मी से झुलस रहा यूपी, पारा 44 डिग्री पार

13/06/2025
CM Dhami
Main Slider

मुख्यमंत्री धामी ने विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को दी श्रद्धांजलि

13/06/2025
Ahmedabad plane crash: PM Modi inspects the accident site
Main Slider

अहमदाबाद विमान हादसा: पीएम मोदी ने दुर्घटना स्थल का लिया जायज़ा, सिविल अस्पताल में घायलों का जाना हालचाल

13/06/2025
Next Post
Encounter with security forces begins in Srinagar

श्रीनगर में सुरक्षाबलों की सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू

यह भी पढ़ें

आम की सुरक्षा में लगे 3 गार्ड और 9 कुत्ते, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

30/03/2022
Under construction house letter dropped

निर्माणाधीन मकान का लेंटर गिरने से तीन मजदूरों की मौत, कई मलबे में दबे

23/05/2021

राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ोतरी पर सीएम का जताया आभार

22/12/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version