जम्मू। जम्मू में शनिवार को गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी के नाराज नेताओं की एक बैठक हुई है। गांधी ग्लोबल फैमिली की बैठक में कांग्रेस के तमाम नेता जुटे हैं। इस शांति सम्मेलन में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, राज बब्बर जैसे कांग्रेस के G-23 नेता शामिल हुए हैं। यहां कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कमजोर होती दिख रही कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने सवाल भी उठाया कि कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजादी के अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही?
He is one such leader who knows ground reality of Congress in every district of every state. We were saddened when we realised that he is being freed from Parliament. We didn't him to go from Parliament…I can't understand why is Congress not using his experience: Kapil Sibal
— ANI (@ANI) February 27, 2021
कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही हैं। हम यहां जमा हुए हैं, हमें पार्टी को मजबूत करना है। गांधी जी सचाई पर चलते हैं, लेकिन ये सरकार झूठ बोल रही है। गुलाम नबी आजाद अनुभवी और इंजीनियर हैं। हर प्रदेश में कांग्रेस की असली स्थिति से परिचित हैं। हम नहीं चाहते थे कि उन्हें संसद से आजादी मिले। इनके अनुभव को कांग्रेस उपयोग क्यों नहीं कर रही है?
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सिब्बल ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी को हर जिले प्रदेश में मजबूत करने के लिए काम करेंगे। अगर कांग्रेस कमजोर हुई तो देश कमजोर होगा। देश के सामने समस्या इस देश मे ऐसे राजनेता और राजनीति जिसका दृष्टिकोण पार्टी को बढ़ाने में लगा है।
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि यह जी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि यह जी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है। कांग्रेस के यह 23 गांधी कांग्रेस को जिताने का काम करेंगे। वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने कहा कि आजाद के जाने के बाद यहां मंच पर मौजूद सभी नेता जम्मू कश्मीर की जनता के साथ हैं। आजाद के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की बात की। आजाद जब मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश का स्वर्णिम युग था जो वापस आएगा। जम्मू कश्मीर के स्टेटेहूड, नौकरियां, सड़कों की बात हम संसद में उठाएंगे।
राष्ट्रवादी ताकतों को एक साथ होना होगा: मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि हम गांधी ग्लोबल फैमिली के बुलाये पर पहुंचे हैं ताकि गुलाम नबी आजाद का स्वागत किया जा सके। जब देश पर संकट है, ऐसे में आज आजाद की जरूरत है । सबसे बड़ी त्रासदी डेढ़ साल पहले साल हुई जब जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया। जम्मू कश्मीर को भारत का मुकुट माना गया है। जो लड़ाई 6 अगस्त 2019 को शुरू हुई थी तब तक जारी रहेगी जब तक जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता। विभाजन की पीड़ा से हम वाकिफ हैं। गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर और भारत की जरूरत है। इस भारत के ख्याल को जिंदा रखना है तो वक्त आ गया है कि राष्ट्रवादी ताकतों को एक साथ होना होगा।
वहीं इस जी-23 कार्यक्रम के आयोजक गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में ये सभी मेरे दोस्त जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संसद में मुझसे कम नहीं बोलें। इन्होंने भी बेरोजगारी, राज्य का अधिकार छीनना, उद्योगों और शिक्षा को खत्म करना, जीएसटी का मुद्दा उठाया।