पहली बार मां बनने का अहसास बेहद खास और अलग होता है। सब कुछ नया महसूस करने वाली मां भीतर से थोड़ी डरी और खुश, एकसाथ दोनों चीजों का अनुभव कर रही होती है। ऐसा इसलिए, पहली बार मां बनते समय कई ऐसी जरूरी बातें होती हैं जो महिलाओं को अच्छे से नहीं पता होती हैं। लेकिन अपने और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर महिला को इन बातों का पता होना बहुत जरूरी है।
प्रेग्नेंसी के नौ महीनों की गिनती आखिरी पीरियड्स के पहले दिन से की जाती है। इन 9 महीनों को तीन ट्राइमेस्टर में बांटा जाता है। डॉक्टरों की मानें तो गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने हर महिला के लिए बेहद खास होते हैं। इस समय बरती गई थोड़ी सी सावधानी से महिला का बच्चा न तो प्रीमैच्योर होता है और न ही शारीरिक रूप से विकलांग। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के पहले 3 महीने खानपान से लेकर अपने रूटीन चेकअप तक पहली बार मां बनने वाली महिला को रखना चाहिए किन बातों का ध्यान।
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पहली तिमाही (फर्स्ट ट्राइमेस्टर)9 महीनों को तीन ट्राइमेस्टर में बांटा जाता है। पहले 3 महीने फर्स्ट ट्राइमेस्टर के चरण में आते हैं। इस दौरान गर्भ में भ्रूण का विकास होना शुरू होता है। महिला का शरीर कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलावों से होकर गुजर रहा होता है। ये महीने सबसे ज्यादा चुनौती-भरे दिन भी होते हैं, इन्हीं महीनों में अबॉर्शन की आशंका सबसे ज्यादा बनी रहती है। इस दौरान डॉक्टर से पूछे बिना कोई भी दवा न लें। इस दौरान डॉक्टर से पूछे बिना ली गई दवाएं, आपके और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। बच्चे में संरचनात्मक विकार पैदा हो सकते हैं। डॉक्टर इस समय महिलाओं को फोलिक एसिड लेने की सलाह देते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान-डॉक्टरों की मानें तो प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में किसी भी महिला को ज्यादा भीड़भाड़, प्रदूषण और रेडिएशन वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर ट्रैवलिंग करने, लंबे समय तक खाली पेट रहने और अधिक मिर्च का सेवन करने से भी बचना चाहिए। महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि वो थोडे-थोडे अंतराल पर कुछ-कुछ खाती रहें और फल, नारियल पानी या ग्लूकोज मिला पानी आदि लेती रहें।
डाइट का भी रखें ध्यान-मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए नींबू-पानी या अदरक की चाय पी जा सकती हैं। दिनभर में कम से कम 3-4 बार तरल चीजें, जैसे छाछ, नींबू-पानी, नारियल पानी, फलों का जूस या शेक का सेवन करें। ऐसा करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। इन तीन महीनों में बच्चे के अंग बनने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक चीजों को शामिल करने की कोशिश करें।