उच्च रक्तचाप की समस्या दिन बदिन आम होती जा रही है। कई बार नमक के सेवन में कटौती और योग-व्यायाम के नियमित अभ्यास के बावजूद ब्लड प्रेशर काबू में नहीं आता। ‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन’ में छपे एक नए अध्ययन में इस स्थिति से गुजर रहे मरीजों को दिन में दो बार ग्रीन-टी का सेवन करने की सलाह दी गई है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक ग्रीन-टी में फ्लैवेनॉयड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट रक्त धमनियों की दीवारों को न सिर्फ मजबूत बनाते हैं, बल्कि उनमें कोलेस्ट्रॉल जमने का खतरा भी घटाते हैं। इससे खून के बहाव के दौरान धमनियों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
जेसिका निब्स के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने हाइपरटेंशन से जूझ रहे 200 मरीजों को तीन समूह में बांटा। पहले समूह को लगातार 12 हफ्ते तक दिन में दो बार ग्रीन-टी पिलाई। वहीं, दूसरे समूह को ब्लैक-टी, जबकि तीसरे को दूध वाली चाय का सेवन करवाया। 13वें हफ्ते में सभी प्रतिभागियों के रक्तचाप की जांच की गई।
इस दौरान ग्रीन-टी की चुस्की लेने वाले प्रतिभागियों के सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर में सर्वाधिक 2.6 एमएमएचजी और डायस्टॉलिक रक्तचाप में 2.2 एमएमएचजी की गिरावट देखी गई। उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी खासी कमी आई। अध्ययन में ब्लैक-टी भी रक्तचाप घटाने में खासी असरदार मिली है। वहीं, दूध वाली चाय से कुछ मरीजों के रक्तचाप में वृद्धि दर्ज की गई।