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शनिवार को इन मंत्रों का करेंगे जाप तो जरूर प्रसन्न होंगे कर्म फलदाता शनिदेव

Shani Jayanti

Shani Jayanti

हिंदू धर्म में शनिवार के दिन कर्म फलदाता शनिदेव के पूजन को शुभ माना गया है। कहते हैं शनिवार को विधि पूर्वक किए गए पूजा-पाठ और शुभ काम जल्दी सिद्ध हो सकते हैं। शनिवार को शनिदेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

कहा जाता है कि यदि शनिदेव को प्रसन्न कर दिया तो व्यक्ति के जीवन में सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं। शनिवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों के साथ शनिदेव का पूजन किया जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। आइए जानते हैं शनिवार के दिन किन खास मंत्रों और विधि से शनिदेव का पूजन करना चाहिए।

“ॐ शं शनैश्चराय नमः”

“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”

“ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये सय्योंरभीस्रवन्तुनः

शनिदेव की पूजा करते समय करें इन नियमों का पालन

शनिदेव की पूजा करते समय तांबे के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। दरअसल तांबा सूर्य की धातु है और शनि व सूर्य एक-दूसरे के शत्रु माने गए हैं। इसलिए शनिदेव की पूजा में लोहे के बर्तनों का ही उपयोग करना चाहिए।

शनिदेव को कभी भी लाल कपड़े या लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। दरअसल ये चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं। मंगल ग्रह भी शनि का शत्रु है। शनिदेव की पूजा में हमेशा काले या नीले रंग की चीजों का उपयोग करना शुभ रहता है।

शनिदेव की पूजा करते समय या शनि मंत्रों का जाप करते समय भक्त का मुख पश्चिक दिशा में ही होना चाहिए। दरअसल, शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी माने गए हैं।

इस प्रकार करें शनि देव की पूजा

सूर्य पुत्र शनिदेव की उपासना करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है।

मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन प्रातः काल उठकर शिवजी की उपासना करनी चाहिए।

जिन लोगों को आर्थिक समस्याएं होती हैं उन्हें शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करके, सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

जो लोग सुबह शनि की उपासना नहीं कर पाते हैं वह शाम को शनिदेव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों को दिया जलाना चाहिए।

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