नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार प्रदूषण की लड़ाई में कई अभियान चला रही है। बावजूद इसके लापरवाही हो रही है। इसी के चलते दिल्ली सरकार ग्रीन दिल्ली एप ला रही है। साथ ही दीवाली को देखते हुए भी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
ग्रीन क्रेकर के अलावा अगर देशी पटाखे चलाए तो एक लाख रुपये जुर्माना भरना होगा। सरकार इसके लिए 11 टीमों का गठन कर रही है। नवंबर से यह टीम काम शुरु कर देंगी। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश हैं कि दिल्ली की हवा को खराब न होने दिया जाए।
केंद्र के कानून के बाद किसानों को नहीं मिल सकेगी मुफ्त बिजली, जानिए पूरा मामला
मंत्री गोपाल राय का कहना है कि पराली और दीवाली के पटाखे का धुंआ हवा को ज़हरीली बना रहा है। यह हवा लोगों की जिंदगी पर असर डाल रही है। इसी के चलते सरकार ने निर्णय लिया है कि 23 अक्टूबर के आदेशानुसार दिल्ली के अंदर केवल ग्रीन क्रैकर का उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल किया जा सकेगा, क्योंकि ग्रीन क्रेकर के अंदर सल्फ़र डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन बहुत कम मात्रा में होते हैं।
ग्रीन क्रेकर के उपयोग से जो धुआं भी होता है वो काफी कम होता है। हमारी एनओसी के मुताबिक दिल्ली में 93 उत्पादक एजेन्सी हैं जो फायर टेक्नीक मिलाकर क्रैकर बना सकती हैं। इसी तरह के पटाखे आयात किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह लिस्ट हम वेबसाइट पर अपलोड कर देंगे।
फैक्ट्रियों और दुकानों में जाकर चेकिंग करेगी सरकार की टीम
गोपाल राय ने ग्रीन क्रेकर पर बात करते हुए यह भी बताया कि ग्रीन क्रेकर का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया था। डीपीसीसी की तरफ से कल नोटिस जारी की जाएगी की वो निगरानी करें। तीन नवंबर से एन्टी क्रेकर अभियान जारी करेंगे और ये दीवाली के बाद तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत पुलिस के सहयोग के साथ डीपीसीसी की तरफ से 11 टीमों का गठन कर रहे हैं। यह विशेष दस्ता जगह-जगह निर्माता और विक्रेता के यहां जाकर चेक करेंगे।
साथ ही उन्होंने सभी निर्माताओं और विक्रेताओं से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली आपकी है। अपने हिस्से का प्रदूषण कम करें. नियमों का पालन करें। अगर किसी विक्रेता और उत्पादक के यहां ऐसा मेटेरियल पाया जाता है तो पर्यावरण नियमों के तहत कार्रवाई होगी। एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।