हर सुहागिन महिला के लिए करवा चौथ ( Karwa Chauth) का व्रत बेहद खास होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु,अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 20 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। करवा चौथ के दिन सुहागिनें दिनभर उपवास रखकर शाम को 16 श्रृंगार करती हैं और करवा माता की पूजा में शामिल होती हैं। व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहली सरगी करने के बाद किया जाता है और चांद निकलने के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण किया जाता है। यदि इस दौरान अनजाने में कुछ भी खा या पी लिया जाए, तो इससे व्रत टूट जाता है। ऐसे में अगर गलती से व्रत टूट जाए, तो कुछ बातों का ध्यान रखकर व्रत टूटने के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि करवा चौथ का व्रत बीच में टूट जाए तो क्या करें?
करवा चौथ ( Karwa Chauth) : बीच में व्रत टूट जाए तो क्या करें?
करवा चौथ ( Karwa Chauth) का व्रत निर्जला रखा जाता है। इस दिन चंद्रदेव को जल अर्घ्य दिए बिना अन्न-जल ग्रहण करने की मनाही होती है। इस दौरान गलती से पानी या अन्न का एक दाना भी ग्रहण कर लिया जाए, तो व्रत खंडित माना जाता है। अगर आपसे अनजाने में करवा चौथ का व्रत टूट जाए, तो ज्यादा चिंतित होने की जरुरत नहीं है।
करवा चौथ ( Karwa Chauth) व्रत में भूलवश व्रत टूट जाए तो कुछ नियमों का पालन करके गलती को सुधारा जा सकता है। अगर करवा चौथ के दिन चांद निकलने से पहले ही गलती से व्रत टूट गया है, तो ऐसे में तुरंत स्नान कर लें। साफ वस्त्र धारण करें। शिव-गौरी, गणेशजी,कार्तिकेय भगवान और करवा माता की पूजा करके क्षमायाचना मांगे। इसके बाद चांद निकलने तक बिना कुछ ग्रहण किए व्रत जारी रखें। सभी परंपराओं और रीति-रिवाज का विधिवत पालन करें।
करवा चौथ ( Karwa Chauth) की व्रत कथा सुनें। रात में चंद्रदेव को जल अर्घ्य दें। चंद्रदेव से भी क्षमायाचना मांगे। चंद्र मंत्र और शिव मंत्रों का जाप करें। व्रत टूटने के दोष से बचने के लिए आप 16 श्रृंगार की सामग्री भी दान कर सकती है। मान्यता है कि ऐसा करनेसे व्रत टूटने के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है।