नई दिल्ली| भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) ने पिछले कुछ दिनों के भीतर तकनीकी गड़बड़ियों के चलते प्रवेश परीक्षा के परिणाम में तीसरी बार संशोधन किया है। कोविड-19 महामारी के चलते इस वर्ष संस्थान ने ऑनलाइन मोड में प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा 18 अक्टूबर को किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट से कहा- CA परीक्षा ऑनलाइन करना संभव नहीं
मामला तब प्रकाश में आया जब कुछ अभ्यर्थियों ने संस्थान की ओर से 30 अक्टूबर को जारी प्रवेश परीक्षा के परिणाम में गलतियों का जिक्र ट्विटर पर किया। छात्रों ने हैश टैग #iimcentrancescam के साथ कई ट्वीट किए जिनमें उन्होंने कहा कि परिणाम में कुछ अभ्यर्थियों को एक से अधिक सीटें आवंटित की गईं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ऐसे उम्मीदवार, जिनका रिजल्ट अभी रोक दिया गया है, उन्हें भी मेरिट सीट आवंटित कर दी गई है।
पहली बार रिजल्ट 31 अक्टूबर को और दूसरी बार 2 नवंबर को संशोधित किया गया था। संस्थान की वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक एनटीए ने ऑनलाइन एंट्रेंस एग्जाम के दौरान 28 अभ्यर्थियों को अनुचित गतिविधियों में लिप्त पाते हुए उनका परिणाम रोक दिया था। इन अभ्यर्थियों के आईआईएमसी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने पर एक वर्ष की रोक लगा दी गई है।