माना जाता है कि इलुमिनाटी का आरंभ जर्मनी के बावरिया शहर में हुआ था। साव 1776 में इंगोल्स्ताद विश्वविद्याल के प्रोफेसर एडम वीशॉप्ट ने इसकी शुरआत की थी। उस दौरान चर्च और क्रिश्चियन धर्म के कट्टरपंथ की जड़ें समाज में काफी गहरे तौर पर चुड़ी हुईं थीं। इसी कट्टरता से आजाद होने के लिए प्रोफेसर ने इस संस्था की शुरुआती की थी। पहले इलुमिनाटी का नाम ‘ऑर्डर ऑफ इलुमिनाटी’ था। इलुमिनाटी संगठन के जरिए उनका मकसद एक ऐसी महान दुनिया को बनाना था, जहां पर कट्टरपंथ और मजहब की कोई भी दीवारें ना हों और सभी को समान रूप से देखा जाए।
आखिर क्यों सूरजमुखी का मुंह होता है सूर्य की दिशा में? जानकर हो जाएंगे हैरान…
पहले-पहल इस संगठन के साथ सिर्फ कुछ छात्र जुड़े, लेकिन धीरे धीरे इलुमिनाटी का दायरा अधिक बढ़ने लगा और हजारों लोग इस संगठन में आने लगे। बाद में वीशॉप्ट कई खुफिया बैठकें आयोजित करवाया करते थे, जिनमें समाज और सरकार में सुधार को लेकर कई चर्चाएं हुआ करती थीं। बाद में स्थानीय प्रशासन को इस खुफिया संगठन बारे में पता चल गया।
कार्तिक के फैंस के लिए खुशखबरी, इस फिल्म के रीमेक में करेंगे काम..
इस संगठन के बारे में पता चलते ही स्थानीय प्रशासन ने इलुमिनाटी पर बैन लगा दिया। साथ ही प्रोफेसर वीशॉप्ट को जेल में भेज दिया गया। आज भी कई लोगों को ये विश्वास है कि इलुमिनाटी अभी भी सक्रिय है और देश दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है, उसके पीछे कहीं न कहीं इसी का हाथ है।