देश से लेकर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने शुरूआती दौर में मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा था जो चिन्तित का विषय था, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉकडाउन के निर्णय का असर मथुरा में भी देखने को मिला, यहां मौत के आंकड़ों में लगातार गिरावट आई है।
25 अप्रैल से लेकर 11 मई तक आंकड़ों में बेहद कमी देखने को मिली है जो जिला प्रशासन के लिए राहत की खबर है। जिलाधिकारी, नगर आयुक्त और सीएमओ के अथक प्रयासों से मौत के आंकड़ों में कमी आई है।
मथुरा के ध्रुव घाट पर मंगलवार को कोविड के चलते मरने वाले पांच शव अंतिम संस्कार के लिए आए थे। कोरोना से मरने वाले लोगों के 25 अप्रैल से 11 मई तक के आंकड़े एकत्रित किए तो जो आंकड़े सामने आए। जो राहत वाले निकले। जिनमें 25 अप्रैल को 08 मौत, 26 अप्रैल को 06 मौत, 27 अप्रैल को 03 मौत, 28 अप्रैल को 06 मौत, 29 अप्रैल को 08 मौत एवं 30 अप्रैल को ध्रुव घाट पर 04 मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।
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जबकि मई माह में एक मई को 13 मौत, दो मई को 10 मौत, तीन मई को 08 मौत, चार मई को 09 मौत, पांच मई को 08 मौत, छह मई को 04 मौत, सात मई को 03 मौत, आठ मई को 08 मौत, नौ मई को 06 मौत, 10 मई को 06 मौत एवं 11 मई को सायं चार बजे तक 05 शवों को मुखाग्नि दी गई।
आकाशवाणी स्थित मोक्षधाम पर जानकारी करने पर पता लगा कि यहां कोरोना प्रभावित शवों का दाह संस्कार नहीं किया जाता है। हालांकि मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे तक वहां एक भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ था। जबकि 10 मई को आठ शवों का अंतिम संस्कार यहां किया गया था। बातचीत करने पर पता लगा कि अप्रैल माह में जब कोरोना से लगातार मौत हो रही थीं तब 29 अप्रैल को यहां एक ही दिन में 24 डेड बॉडी लाई गई थीं। हालांकि इनमें से कोई भी कोरोना प्रभावित नहीं थी।
मंगलवार दोपहर दो बजे वृंदावन स्थित मोक्षधाम पहुंची। यहां जानकारी की गई और 25 अप्रैल से 11 मई तक आंकडे़ एकत्रित किए गए। जिनमें 25 अप्रैल को 04 मौत, 26 अप्रैल को शून्य, 27 अप्रैल को एक मौत, 28 अप्रैल को 06 मौत, 29 अप्रैल को 03 मौत एवं 30 अप्रैल को 06 मौत कोरोना प्रभावित शव लाए गए थे।
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जबकि मई माह में एक मई को 02 मौत, दो मई को 02 मौत, तीन मई को 04 मौत, चार मई को 05 मौत, छह मई को 04 मौत, सात मई को एक मौत, आठ मई को 03 मौत, नौ मई को शून्य, 10 मई को 03 मौत एवं 10 मई को 03 मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
निष्कर्ष से पता लगाया जा सकता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना महामारी को गंभीरता से निपटने के निर्णय से ही संभव हो सका है, उनके आदेश पर लगातार जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल द्वारा कोविड-19 हॉस्पीटलों में मॉनीटिरिंग करने से ही संभव हो सका है, पूर्व में मरीजों को इलाज समय पर न मिलने पर मौत का आंकड़े भले ही बढ़ा हो लेकिन वर्तमान में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग नगर निगम द्वारा की मुहिम का असर रहा है कि मथुरा जिले में मौत का आंकड़ा दिन व दिन घटता ही जा रहा है और ठीक होने वाले मरीजों की दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है।