• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

कब रखा जाएगा योगिनी एकादशी व्रत, जानें इसका महत्व

Writer D by Writer D
05/07/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
Yogini Ekadashi

Yogini Ekadashi

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

वर्ष भर में 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं और जब पुरुषोत्तम या अधिक मास होता है, तब कुल मिलाकर 26 एकादशियां पड़ती है। आषाढ़ मास में 2 एकादशी आती है, जिसे योगिनी और देवशयनी (Yogini Ekadashi)  के नाम से जाना जाता है। इसी क्रम में आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि पर ‘योगिनी एकादशी’ का व्रत रखा जा रहा है। जो कि योगिनी एकादशी व्रत वर्ष 2024 में 02 जुलाई, दिन मंगलवार को रखा जाएगा।

‘योगिनी एकादशी’ (Yogini Ekadashi) व्रत का महत्व :

धार्मिक मान्यतानुसार योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi)  व्रत सभी पापों को दूर करने वाला माना जाता हैं। तीनों लोकों में प्रसिद्ध यह एकादशी श्री लक्ष्मी-विष्णु जी के पूजन के लिए बहुत ही खास हैं, अतः परलोक में मुक्ति तथा सभी पाप नष्ट करने वाली हैं। भगवान कृष्ण ने इस एकादशी के संबंध में कहा हैं कि योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है।

शास्त्रों में इस एकादशी व्रत के दिन उपवास करने का बहुत अधिक महत्व कहा गया है। मान्यतानुसार योगिनी एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वालों को दशमी के दिन से ही कुछ खास बातों का ध्यान में रखकर तथा सावधानीपूर्वक नियमों का पालन करते हुए एकादशी व्रत करना चाहिए।

यह एकादशी हर संकट से मुक्ति, उपद्रव, दरिद्रता तथा पापों का नाश करने वाली मानी गई है। योगिनी इतनी अधिक महत्व की मानी गई हैं कि यह सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करने के साथ ही मोक्ष देने वाली तथा श्राप से मुक्ति देने वाली भी मानी गई है।

आइए जानते हैं व्रत कथा :

योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) व्रत की कथा के अनुसार स्वर्गधाम की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था। वह शिव भक्त था और प्रतिदिन शिव की पूजा किया करता था। हेम नाम का एक माली पूजन के लिए उसके यहां फूल लाया करता था।

हेम की विशालाक्षी नाम की सुंदर स्त्री थी। एक दिन वह मानसरोवर से पुष्प तो ले आया लेकिन कामासक्त होने के कारण वह अपनी स्त्री से हास्य-विनोद तथा रमण करने लगा। इधर राजा उसकी दोपहर तक राह देखता रहा। अंत में राजा कुबेर ने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर माली के न आने का कारण पता करो, क्योंकि वह अभी तक पुष्प लेकर नहीं आया।

सेवकों ने कहा कि महाराज वह पापी अतिकामी है, अपनी स्त्री के साथ हास्य-विनोद और रमण कर रहा होगा। यह सुनकर कुबेर ने क्रोधित होकर उसे बुलाया। हेम माली राजा के भय से कांपता हुआ उपस्थित हुआ।

राजा कुबेर ने क्रोध में आकर कहा- ‘अरे पापी! नीच! कामी! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के ईश्वर श्री शिव जी महाराज का अनादर किया है, इस‍लिए मैं तुझे शाप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा।’

कुबेर के शाप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया। भूतल पर आते ही उसके शरीर में श्वेत कोढ़ हो गया। उसकी स्त्री भी उसी समय अंतर्ध्यान हो गई। मृत्युलोक में आकर माली ने महान दु:ख भोगे, भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के भटकता रहा। रात्रि को निद्रा भी नहीं आती थी, परंतु शिवजी की पूजा के प्रभाव से उसको पिछले जन्म की स्मृति का ज्ञान अवश्य रहा।

घूमते-घूमते एक दिन वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया, जो ब्रह्मा से भी अधिक वृद्ध थे और जिनका आश्रम ब्रह्मा की सभा के समान लगता था। हेम माली वहां जाकर उनके पैरों में पड़ गया। उसे देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले तुमने ऐसा कौन-सा पाप किया है, जिसके प्रभाव से यह हालत हो गई।

हेम माली ने सारा वृत्तांत कह ‍सुनाया। यह सुनकर ऋषि बोले- निश्चित ही तूने मेरे सम्मुख सत्य वचन कहे हैं, इसलिए तेरे उद्धार के लिए मैं एक व्रत बताता हूं। यदि तू आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी नामक एकादशी (Yogini Ekadashi)  का विधिपूर्वक व्रत करेगा तो तेरे सब पाप नष्ट हो जाएंगे। यह सुनकर हेम माली ने अत्यंत प्रसन्न होकर मुनि को साष्टांग प्रणाम किया।

मुनि ने उसे स्नेह के साथ उठाया। हेम माली ने मुनि के कथनानुसार विधिपूर्वक योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से अपने पुराने स्वरूप में आकर वह अपनी स्त्री के साथ सुखपूर्वक रहने लगा। अतः इस व्रत से समस्त पाप दूर हो जाते हैं और अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है।

Tags: Yogini EkadashiYogini Ekadashi 2024Yogini Ekadashi dateYogini Ekadashi impostanceYogini Ekadashi katha
Previous Post

भोलेनाथ को प्रिय है कावड़ यात्रा, जानें इसके नियम एवं महत्व

Next Post

सावन में करें मात्र ये 3 उपाय, कर्ज से मिल जाएगा छुटकारा

Writer D

Writer D

Related Posts

Vaishno Devi
Main Slider

IMD के अलर्ट के बाद वैष्णो देवी यात्रा स्थगित, इस दिन से शुरू होंगे दर्शन

05/10/2025
Aloe Vera
Main Slider

इस प्लांट से मिलेगी निखरी त्वचा, ऐसे करें इस्तेमाल

05/10/2025
खाना-खजाना

नए स्टाइल से बनाएं सब्जी, स्वाद ऐसा की पेट भर जाएगा मन नहीं

05/10/2025
Pasta
खाना-खजाना

पास्ता के बचे हुए पानी को इन तरीकों से करें इस्तेमाल

05/10/2025
Makhana Halwa
खाना-खजाना

स्वीट लवर्स के लिए है शानदार उपहार, हो जाता है फटाफट तैयार

05/10/2025
Next Post
Sawan

सावन में करें मात्र ये 3 उपाय, कर्ज से मिल जाएगा छुटकारा

यह भी पढ़ें

संजय दत्त का जन्मदिन

जन्मदिन विशेष : ड्रग्स की लत ने तबाह कर दिया था संजू बाबा का करियर

29/07/2020
CM Yogi congratulated

कोरोना पर उप्र का बड़ा वार, 24 दिन में वैक्‍सीनेशन एक करोड़ के पार

24/06/2021
collision

खड़े ट्रक में भिड़ी बस के उड़े परखच्चे, चार श्रमिकों की मौत

14/06/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version