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गैंगस्टर मामले में पूर्व विधायक समेत तीन को कठोर कारावास

Imprisonment

Imprisonment

औरैया। जिले की एक विशेष अदालत ने 14 साल पुराने बहुचर्चित इंजीनियर हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास (Imprisonment) की सजा काट रहे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व विधायक शेखर तिवारी और उसके तीन सहयोगी विनय तिवारी, मनोज कुमार अवस्थी व पूती उर्फ रामबाबू को गैंगेस्टर के मामले में दोषी करार देते हुये 5-5 वर्ष के कठोर कारावास और आठ आठ हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी।

विशेष न्यायाधीश एमपी, एमएलए संजय कुमार सिंह की अदालत ने गुरूवार को यह सजा सुनायी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिसम्बर 2008 में दिवियापुर में गेल कालोनी में रह रहे पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता मनोज कुमार गुप्ता की पीट-पीट कर हत्या करने के बहुचर्चित मामले में तत्कालीन बसपा विधायक शेखर तिवारी व उनके साथियों पर हत्या व गैंगस्टर का मामला दर्ज हुआ था। इंजीनियर हत्या काण्ड के अभियुक्त शेखर तिवारी व अन्य सहयोगियों को कोर्ट से आजीवन कारावास (Imprisonment) हुआ।

इस हत्या काण्ड के बाद पुलिस ने चारों अभियुक्त शेखर तिवारी, विनय तिवारी, मनोज कुमार अवस्थी व पूर्वी उर्फ रामवार पर गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) का मामला भी पंजीकृत किया था। यह मुकदमा विशेष न्यायाधीश एमपी एमए कोर्ट में चल रहा था। गुरुवार को कोर्ट ने इस गैंगस्टर मामले के चारों अभियुक्तों को दोषी करार दिया। दण्ड के प्रश्न पर अभियोजन की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अरविन्द कुमार राजपूत ने तर्क दिया कि अभियुक्तों को लोक सेवक की नृशंस हत्या का दोषी माना गया है। अत: इस गम्भीर प्रकृति के अपराध को देखते हुए उन्हें कठोर दण्ड दिया जाना चाहिए।

वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अभियुक्त 14 वर्ष से जेल में हैं। गैंग चार्ट में वर्णित पांच अपराधों में से एक इंजीनियर हत्याकांड के सम्बंध में ही प्रस्तुत गैंगेस्टर अपराध का मामला बनाया गया है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने चारों अभियुक्त पूर्व विधायक शेखर तिवारी विजय तिवारी, मनोज कुमार अवस्थी तथा पूती उर्फ रामबाबू को पांच वर्ष के कठोर कारावास व आठ हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। पूर्व विधायक शेखर तिवारी को उरई जेल से व साथी अभियुक्तों को फतेहगढ़ व अन्य जेलों से न्यायालय में निर्णय के लिए पेश किया गया, जहाँ से सभी को वापस जेल भेज दिया गया।

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