इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस पर पूर्व हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। गिलानी को शुक्रवार 14 अगस्त को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है। अलगाववादी नेता गिलानी कश्मीर में अपने भारत विरोधी बयानों के लिए ही मशहूर हैं, जिसके लिए पाकिस्तान उसे सम्मानित कर रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में अपना नया नक्शा जारी कर कश्मीर के विवादित क्षेत्रों पर अपना दावा ठोंका है।
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गिलानी कार्यक्रम से नदारद रहा और स्थानीय हुर्रियत नेताओं ने सम्मान लिया
गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान पाक के स्वतंत्रता दिवस पर इस्लामाबाद में हुए कार्यक्रम में दिया गया। पूर्व हुर्रियत नेता को यह सम्मान राष्ट्रपति आरिफ रिजवी ने दिया। हालांकि, खुद गिलानी कार्यक्रम से नदारद रहा और स्थानीय हुर्रियत नेताओं ने उनकी जगह सम्मान लिया है। इसे लेकर जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान किया था तो उन्होंने कहा था ऐसा करके गिलानी को सम्मानित किया जा रहा है।
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कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा का आरोपी है गिलानी
गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सीनेटर मुश्ताक अहमद ने दिया था, जिसे वहां के सदन ने ध्वनिमत से पास किया था। गिलानी ने कुछ वक्त पहले ही हुर्रियत से इस्तीफा दे दिया था। वह कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा के हालात के लिए आरोपी लोगों में शामिल है। गिलानी के ऊपर साल 2016 में हुई कश्मीर हिंसा के बाद टेरर फंडिंग के चार्ज भी लगे थे। इसके अलावा गिलानी को एक लंबे वक्त से कश्मीर के उसके घर में नजरबंद भी रखा गया है।