नई दिल्ली। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान का हाथ था। मुबंई आतंकी हमले पर आखिरकार यह कबूलनामा पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने कर ही लिया है। उसने माना कि मुंबई आतंकी हमले में उसकी जमीन का इस्तेमाल हुआ था। उसके यहां के आतंकियों ने भारत में तबाही मचाई थी। बता दें कि पाकिस्तान सरकार की ओर से एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें एक दर्जन से अधिक ऐसे आतंकियों के नाम हैं जिनका सीधा संबंध मुंबई में हुए आतंकी हमले से था।
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मुंबई आतंकी हमले में शामिल 11 आतंकियों को घोषित किया मोस्ट वॉन्टेड
बता दें कि पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआई) ने इस बात को स्वीकार लिया है कि मुंबई स्थित ताज होटल पर हुए हमलों को लश्कर-ए-तैयबा के 11 आतंकियों ने अंजाम दिया है। इस सूची में लश्कर-ए-तैयबा के कई आतंकियों का नाम दिया गया है, जिसमें इफ्तिकार अली, मोहम्मद अमजद खान, मोहम्मद उस्मान, अब्दुल रहमान समेत अन्य आतंकियों के नाम हैं। इसी के साथ पाकिस्तान ने कबूल कर लिया है कि मुंबई आतंकी हमले की प्लानिंग और फंडिंग पाकिस्तान से ही हुई थी।
बता दें कि पिछले कई साल से भारत लगातार पाकिस्तान पर मुंबई आंतकी हमले को लेकर दवाब बना रहा था। इसी का नतीजा है कि भारत के आगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आखिरकार घुटने टेकने पड़े। अब पाकिस्तान ने मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
बता दें कि 26 नवंबर 2008 की रात आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल सहित 6 जगहों पर हमला कर दिया था। हमले में करीब 160 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
इसके अलावा नामित करने वाले चार देश-अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को कई बार खरी-खोटी सुना चुके हैं। इतना ही नहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ इमरान खान ने मोर्चा खोलकर आतंकवाद के खिलाफ अपने स्टैंड को साफ कर दिया है।