सहारनपुर। काजी इमरान मसूद साइकिल की सवारी छोड़कर अब हाथी की सवारी करने जा रहे हैं। सपा में अनदेखी और टिकट न मिलना कारण बताया जा रहा है।
बेहट से दामाद शायान मसूद और देहात सीट मसूद अख्तर को चुनाव लड़वाना चाहते थे। लेकिन राजनीतिक गलियारों में बेहट से उमर अली और देहात से आशु मलिक का टिकट तय माना जा रहा है। हालांकि सपा की सूची अभी आई नहीं है।
2022 विधानसभा चुनाव से छह माह पहले से चर्चा थी कि इमरान मसूद सपा ज्वाइन करेंगे और हुआ भी वहीं। कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर वह ‘साइकिल’ पर सवार हो गए। हालांकि कांग्रेस में पिछले छह माह से निष्क्रिय थे। जिसके लिए उन्होंने 10 जनवरी को अपने समर्थकों की सभा बुलाकर रायसुमारी की थी और 11 जनवरी को लखनऊ एक बंद कमरे में देहात के सिटिंग विधायक मसूद अख्तर के साथ सपा ज्वाइन की।
इमरान को टिकट न मिलने का संशय बना हुआ है और अपनी राजनीति बिसात भी जल्द बिछानी है। ऐसे में बसपा में जानी की चर्चा चल रही है। इमरान मसूद 5 दिन भी ‘साइकिल’ चला नहीं पाए।
साइकिल पर सवार हुए भाजपा के पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान
सहारनपुर में रोजाना राजनीति के समीकरण बदल रहे हैं। काजी रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद मुस्लिम समाज में अच्छी पकड़ रखते हैं। हालांकि वह 4 बार चुनाव हार चुके हैं। दो बार लोकसभा और दो बार विधानसभा। 2017 के विधानसभा चुनाव में इमरान ने सहारनपुर में कांग्रेस का सूखा खत्म किया था। बेहट से कांग्रेस प्रत्याशी नरेश सैनी और देहात से मसूद अख्तर को रिकॉर्ड जीत दिलाई थी। इमरान के सपा छोड़कर बसपा में जाने के बाद सहारनपुर की राजनीति के अलग समीकरण होंगे।