नई दिल्ली| पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा बीबीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को प्रतिभाओं को पहचानने वाला कप्तान माना गया है। उन्होंने वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे मैच विनर भारत को दिए। गांगुली ही थे, जिन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की प्रतिभा को पहचाना था। गांगुली जानते थे कि वह एक दिन भारत के स्टार बनेंगे। बांग्लादेश के 2004 के दौरे पर गांगुली ने धोनी को ‘चाबुक बल्लेबाज’ कहा था।
कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व निदेशक जॉय भट्टाचार्य ने हाल ही में इस बात का खुलासा करते हुए कहा, ”मुझे याद है जब हम बांग्लादेश की फ्लाइट में बैठे थे तो गांगुली ने कहा था कि हमारे पास नया ‘चाबुक बल्लेबाज’ है। आप उसे देखिए, वह एक दिन बड़ा स्टार बनेगा।”
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गौरव कपूर के शो ’22यार्न्स’ पर जॉय भट्टाचार्य ने कहा, ”सौरव गांगुली के बारे में एक बात यह है कि वह प्रतिभाओं को पहचानते थे। यदि आपमें प्रतिभा है तो वह आपका समर्थन करते थे, क्योंकि वह जानते थे कि आप कब रन बनाएंगे।”
जॉय भट्टाचार्य ने गांगुली की प्रतिभा पहचाने की क्षमता पर कहा, ”आप युवराज को देखिए, सहवाग को देखिए। आप जानते हैं कि उन्होंने सहवाग के साथ क्या किया। उन्हें ओपन करने की सलाह दी। टीम में उस समय सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी थे। सहवाग मध्यक्रम में अपनी जगह नहीं बना सकते थे।”
उन्होंने आगे कहा, ”युवराज को काफी समय तक मौका नहीं मिला, क्योंकि वह मध्यक्रम में खेल रहे थे। गांगुली ने सहवाग से ओपन करने के लिए कहा। इसके बाद किस तरह सहवाग ने इतिहास रचा यह सबने देखा।”
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बता दें कि सौरव गांगुली के नेतृत्व में बांग्लादेश में डेब्यू सीरीज हालांकि धोनी के लिए सफल नहीं रही। पहले वनडे में वह शून्य पर आउट हो गए और अगले दो वनडे में उन्होंने 12 और नाबाद 7 रन बनाए। धोनी के करियर का ग्राफ उस समय ऊपर की ओर गया, जब पाकिस्तान के खिलाफ पहले वनडे में विशाखापत्तनम में उन्होंने 148 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
धोनी ने 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 में क्रमशः 4876, 10773 और 1617 रन बनाए हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप, 2011 का वनडे वर्ल्ड कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। वह दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीती हैं।