अयोध्या। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए निकाली गई तिथि 5 अगस्त को अशुभ बताए जाने पर अयोध्या के संत भड़क गये हैं। संतों ने चुनौती दी है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती यह सिद्ध करें कि भाद्रपद माह अशुभ होताहै। संतों का कहना है कि भाद्रपद माह में ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए यह संपूर्ण संपूर्ण मास अत्यंत शुभ होता है। जिस माह में देवता अवतार लेते हैं, उस माह को शुभ माना जाता है।
दूसरी ओर ज्योतिषियों का मानना है कि अयोध्या में 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे, तब भूमिपूजन में 32 सेकेंड ही सबसे अहम होंगे। इस 32 सेकेंड में भूमिपूजन का सार छिपा है। इन्हीं 32 सेकेंड के भीतर भव्य और दिव्य राम मंदिर की पहली ईंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे। बताया जा रहा है 35 से 40 किलोग्राम चांदी की यह ईंट होगी। राहु और केतु समेत अन्य दोष मिटाने के लिए चांदी की ईंट रखी जाएगी।
राम मंदिर भूमि पूजन पर उठा सवाल तो उमा भारती बोलीं- राम के काम में कैसा मुहूर्त
राम जन्म भूमि के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि प्रमुख रूप से भगवान विष्णु के दो अवतार हुए हैं एक राम अवतार और दूसरा कृष्णावतार।
रामावतार चैत्र में हुआ था। चैत्र का संपूर्ण मास शुभ होता है। भादो में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था, इसलिए भादो का भी संपूर्ण माह शुभ है। किसी भी तरीके के मंदिरों की भूमि पूजन होने के बाद सभी ग्रह नक्षत्र अनुकूल हो जाते हैं। इस माह में किए गए किसी भी कार्य को हानिकारक नहीं कहा जा सकता। साथ ही मंदिर का निर्माण होना है इसलिए मंदिर के निर्माण की तिथि उसी समय शुभ मानी जाती है, जिस समय उसकी आधारशिला रखी जाती है। इसलिए भादो को अशुभ नहीं कहना चाहिए.,जो भी शिला भगवान राम के भूमि पूजन के रखी जाएगी, वह मंदिर निर्विघ्न पूर्वक भव्य और दिव्य बनकर जल्दी तैयार होगा।
वहीं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने 5 अगस्त को अच्छे मुहूर्त न होने की बात कही है और कहा है कि भाद्र पक्ष में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। भादो में भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है और भादो का संपूर्ण माह पवित्र है। भगवान श्री राम का नाम लेने मात्र से ही सारे अमंगल नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने स्वरूपानंद सरस्वती को चुनौती देते हुए कहा कि इस मामले पर आकर मुझसे शास्त्रार्थ करें। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामी स्वरूपानंद भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्य में रोड़ा अटका रहे हैं। हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक आकर स्वरूपानंद सरस्वती शास्त्रार्थ करें और सिद्ध करें कि 5 अगस्त को भूमि पूजन करना गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वरूपानंद सरस्वती कां ग्रेस के इशारे पर मंदिर निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
राम मंदिर भूमि पूजन के मुहूर्त पर उठा सवाल, शंकराचार्य बोले- 5 अगस्त है अशुभ घड़ी
गौरतलब है कि राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास के मुहूर्त पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि तय समय अशुभ है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपक्ष कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पड़ रही है। उन्होंने विष्णु धर्म शास्त्र और नैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ का हवाला देते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में भाद्रपक्ष मास में गृह और मंदिर की स्थापना या शुरुआत करना निषिद्ध है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अलावा उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी इस मुहूर्त को अशुभ बताया है। उन्होंने इसके संबंध में फेसबुक पर पोस्ट किया है।
हालांकि इस आपत्ति के बाद काशी विद्वत परिषद के संयोजक डॉ रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि यह भूमि पूजन भगवान राम के मंदिर का है और शिलान्यास स्वयं देश के राजा करेंगे। ऐसे में मुहूर्त कोई मायने नहीं रखता है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के अनुसार राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम 3 अगस्त को ही शुरू हो जाएगा। यह 3 दिनों तक चलेगा।
अयोध्या में 18 जुलाई को राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक में मंदिर के भूमि पूजन की तारीख तय की गई थी। पहले ट्रस्ट की ओर से 3 और 5 अगस्त का प्रस्ताव रखा गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इनमें से 5 अगस्त की तारीख को मंजूरी दी थी। राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
अयोध्या : पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को करेंगे
राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की शुरुआत रामानंदी परंपरा से सबसे पहले पृथ्वी की पूजा होगी। उसके बाद नवग्रह की पूजा होगी. इसके बाद गौरी गणेश की पूजा होगी और उन्हें भोग लगाया जाएगा। वहीं इसके बाद अलग-अलग नाम की पांच अलग अलग शिलाओं की उनके नाम के नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता, पूर्णा से पूजा होगी।
कांस्य कलश में पंचधातु, पंच रतन- हीरा, पन्ना, माणिक, मोती और मूंगा भी होगा। इसके बाद समस्त तीर्थों की मिट्टी, नदियों का जल, समुद्र की मिट्टी और समुद्र का जल, गौशाला और अश्व शाला की मिट्टी के साथ मानव कल्याण से जुड़ी औषधि को रखा जाएगा और इसके बाद शिलाओं की स्थापना के साथ ही भूमि पूजन का यह पूरा अनुष्ठान संपन्न होगा।
राम मंदिर भूमि पूजन के लिये अति शुभ है पांच अगस्त : सत्येन्द्र दास
ज्योतिषियों का कहना है कि राममंदिर का भूमि पूजन आपदा विनाशक होगा। कोरोना संक्रमण के बीच ऐसा संयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली और राम मंदिर के भूमि पूजन के मुहूर्त के अध्ययन के बाद सामने आया है। ज्योतिषियों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त एवं शोभन योग में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी जिसके बाद आपदा का विनाश होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री की प्रत्यंतर दशा के कारण भूमि पूजन के साथ ही देश का सौभाग्य भी उदित होगा। भारत की खुशहाली और सनातन अभ्युदय का भी संयोग बन रहा है।