नई दिल्ली। तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान निवार दस्तर दे रहा है। मौसम विभाग ने आशंका जताई जा रही है कि यह तूफान तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी काफी तबाही मचा सकता है। इसका असर भी इन दोनों जगहों पर दिखाई देने लगा है। । मंगलवार को चेन्नई, मामलापुरम और महालिपुरम में भी इसकी वजह से तेज बारिश हुई है।
एहतियात के तौर पर मछुआरों को तटों से दूर रहने को कहा गया है। प्रशासन भी तटों पर खड़ी नौकाओं को वहां से अलग करने में मदद कर रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक ये तूफान बुधवार (25 नवंबर) को दोपहर बाद किसी भी समय तट से टकरा सकता है। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ सकती हैं।
निवार से पहले भारत में एम्फन, निसर्ग और फणि को भी भारत ने देखा है। इनके नाम रखने की भी एक दिलचस्प प्रक्रिया है, जिसको यहां पर जानना जरूरी हो जाता है। जैसे निवार चक्रवात का नामकरण ईरान ने किया है। इससे पहले निसर्ग जिसका अर्थ प्रकृति था, का नामकरण बांग्लादेश ने किया था। फणि का नाम भी बांग्लादेश द्वारा ही सुझाया गया था। नवंबर 2017 में आए ओखी चक्रवात का नाम भी बांग्लादेश ने ही किया था। इसका अर्थ आंख होता है। इसके बाद सागर का नाम भारत ने सुझाया था।
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वर्ष अप्रैल 2020 में विभिन्न देशों द्वारा सुझाए और तय किए गए चक्रवातों के नाम में से तीसरा है। इस सूची में कुल 169 नाम सुझाए गए थे जो भारत, बांग्लादेश, मलदीव,म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड ने सुझाए थे। इन सभी ने 13-13 नाम दिए थे। निवार के बाद आने वाले चक्रवातों में गति, जिसका नाम भारत ने सुझाया है होगा। इसके अलावा बुरेवी- मालदीव का सुझाया हुआ, तोक्ती- म्यांमार , यास-ओमान और गुलाब-पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया है।