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मध्य प्रदेश में 12 जिलों के कई गाँव बाढ़ की चपेट में हैं, 8000 से ज्यादा लोगों का किया रेस्क्यू

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मध्य प्रदेश में 12 जिलों के कई गाँव बाढ़ की चपेट में हैं

भोपाल: मध्य प्रदेश में हुई जोरदार बारिश ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं। राज्य के 12 जिलों के 411 गांव बाढ़ की चपेट में है। इन गांव के लोगों को सुरक्षित निकालने का दौर जारी है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी उफान पर बह रही है। आसपास के घाट डूब गए हैं। यहां तक की मंदिर भी पूरी तरह से डूबे हुए नजर आ रहे हैं। बाढ़ के खतरे के देखते हुए घाट के आसपास रेस्क्यू टीम तैनात की गई है।

शिवनी में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ के पानी की वजह से वैनगंगा नदी के दो बड़े पुल पानी में बह गए। कई जगह पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा बचाव बल (एनडीआरएफ) और सेना की मदद ली जा रही है। राज्य के बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चर्चा की है। मध्य प्रदेश में बाढ़ बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित छिंदवाड़ा, सिहोर, नरसिंघपुर होशंगाबाद और शाजापुर जिले हैं।

दो दिनों से जारी है जोरदार बारिश

राज्य में बीते दो दिनों से जारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं विभिन्न बांधों का जलस्तर बढ़ने पर पानी की निकासी जारी है। इसके चलते नदियों के किनारे बसे इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गांव और बस्तियां पानी की चपेट में हैं। कई इलाकों में तो मकान जलमग्न हो गए हैं और ढह भी गए हैं। इसके अलावा कई इलाकों में मकानों की एक मंजिल पानी से डूब गई है जिसके चलते लोगों को ऊपरी मंजिल पर जाकर जान बचानी पड़ी।

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1999 के बाद नर्मदा नदी के इलाके में ऐसे हालात बने हैं

राज्य में वर्ष 1999 के बाद नर्मदा नदी के इलाके में ऐसे हालात बने हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की। उन्होंने बताया, मैंने आज प्रात: काल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा कर पूरी स्थिति की जानकारी दी है। उनका स्नेहपूर्ण समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद मिल रहा है। रात को मैंने सेना के पांच हेलिकॉप्टर मांगे थे, तीन टेकऑफ कर चुके हैं और दो तैयार हैं। इससे बचाव कार्य में तेजी आएगी।

12 जिलों के 411 गांव प्रभावित

प्रधानमंत्री केा दिए गए ब्यौरे मं चौहान ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 411 गांवों में एक भी जान का नुकसान नहीं होने दिया। आठ हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।बताया गया है कि बाढ़ में फंसे आठ हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। बाढ़ राहत के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं जहां पर रूकने, भोजन, दवाओं आदि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।

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प्रदेश के तीन जिलों-होशंगाबाद, सीहोर और रायसेन में कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं। वहां फंसे अधिकतर लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। शेष को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। छिंदवाड़ा जिले में पांच व्यक्तियों को एयर लिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान खुद हालात की मॉनिटरिंग कर रहे है। इसके लिए उन्होंने अपने निवास कार्यालय को ही कंट्रोल रूम में तब्दील कर दिया है। उन्होंने आमजन से कहा है कि वे इस विषम परिस्थिति में संयम और धैर्य रखें। बाढ़ में फंसे हर व्यक्ति को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा और शासन की ओर से हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी।

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वहीं कटनी जिले में एक मकान की दीवार गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम बनिहरा में कच्ची दीवार ढह जाने से चार बच्चों की मृत्यु हो जाने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है।

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