नई दिल्ली| पिछले 10 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। इसका असर कारोबार के साथ-साथ किसानों की सब्जियों पर भी पड़ रहा है। दिल्ली की मंडियों में सब्जियां नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे उन्हें लोकल मंडियों में ही औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है।
मुरादाबाद के किसानों की सब्जियों के रेट बुरी तरह गिर गए हैं। किसानों के आंदोलन से ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रभावित है, जिसका खामियाजा इन उत्तर प्रदेश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उनके पास सब्जियों का स्टॉक इतना अधिक हो गया है कि उसे किसी भी रेट पर बेचना पड़ रहा है। मुरादाबाद में एक सब्जी बिक्रेता बताते हैं कि दिल्ली मंडी में सप्लाई नहीं कर पाने की वजह से फूल गोभी का रेट 10 रुपये से घटकर 4 रुपये प्रति किलो पर आ गया है।
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वहीं अगर दिल्ली की बात करें तो शुक्रवार को दिल्ली में फल-सब्जी की आवक 9476 टन (4662 फल, 4614, सब्जी) रही जबकि गुरुवार को फल सब्जी की आवक 8000 टन थी। जहां तक आम दिनों की बात है तो 12 से 13 हजार टन फल-सब्जी की आवक सामान्य दिनों में होती है।
आजादपुर मंडी समिति के अध्यक्ष आदिल अहमद खान कहते हैं कि किसान आंदोलन से दिल्ली में फल-सब्जी की आवक पर भले ही असर पड़ा है, लेकिन आपूर्ति पर्याप्त है। दाम स्थिर हैं। हालांकि आंदोलन की आगामी रणनीति पर बहुत सारी चीजें निर्भर हैं। अगर किसान आंदोलन तेज करते हैं और सभी रास्तें बंद होते हैं, तो आवक के पूरी तरह बाधित होने से आपूर्ति में जहां कमी आ सकती है, वहीं दाम बढ़ सकते हैं।