नई दिल्ली: स्कूलों और कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई से छात्रों में कई तरह की चिंताएं और तनाव की शिकायतें सामने आई हैं। एक सामान्य चिंता शैक्षणिक सत्र के अंत में होने वाली परीक्षा से जुड़ी अनिश्चितता को लेकर है।
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सोमवार को मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में इस चिंता और तनाव को मौजूद सांसदों ने सरकार के अधिकारियों के सामने रखा। समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने छात्रों का तनाव दूर करने के लिए एक अनोखा सुझाव दिया।
सहस्रबुद्धे ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि अगर कोरोना महामारी के चलते नियमित पढ़ाई पर अनिश्चितता बढ़ती है तो सरकार को एक Question Bank बनाने पर विचार करना चाहिए। राज्य के स्कूल बोर्ड या विश्वविद्यालय हर कक्षा के लिए 50 या 100 सवालों का एक Question Bank तैयार कर सकते हैं। जिसमें पूरे साल के सिलेबस को समाहित किया जाए।
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सभी स्कूलों और कॉलेजों को इन सवालों में से कुछ सवाल चुनने की आज़ादी होगी। छात्रों को पहले से बताया जा सकता है कि चुने गए सवालों में से ही परीक्षा में सवाल पूछे जाएंगे। सहस्रबुद्धे का कहना था कि इस पहल से नियमित पढ़ाई से दूर रहने के चलते छात्रों में बढ़ रहे तनाव को कम किया जा सकता है।
बैठक में शिरकत करने पहुंचे उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे ने सदस्यों को बताया कि नियमित कक्षा आयोजित नहीं किए जाने के बावजूद स्कूलों और कॉलेजों में मौजूदा शैक्षणिक सत्र ज़ीरो ईयर नहीं होगा। ज़ीरो ईयर का मतलब होता है कि साल के अंत होने वाली परीक्षा आयोजित नहीं हो। खरे ने बताया कि मौजूदा साल को शैक्षणिक हॉलिडे के तौर पर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार छात्रों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने को तैयार है।