उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच की जा रही है। इस पूरे मामले को लेकर कई तरह के नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि को वीडियो के दम पर ब्लैकमेल किया जा रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करने में एक सीडी का इस्तेमाल किया जा रहा था। ब्लैकमेलिंग के इस मामले में समाजवादी पार्टी की सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रहे व्यक्ति भी जांच के दायरे में हैं।
जिस नेता की बात हो रही है, वह अक्सर बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि से मिलने आते थे। इतना ही नहीं इस पूरे मामले में जिस शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया है, वह पूर्व राज्य मंत्री उसका भी करीबी था।
प्रयागराज पुलिस को कॉल डिटेल की मदद से ये सभी अहम सुराग मिले हैं और अब पुलिस की रडार पर ये समाजवादी पार्टी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री भी आ गए हैं। ताजा जानकारी के आधार पर ही पुलिस अब अपनी आगे की जांच में जुट गई है।
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गौरतलब है कि प्रयागराज पुलिस ने पहले ही नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। धारा 306 के तहत ये एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें आनंद गिरि का भी नाम है। आनंद गिरि पर महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है।
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में भी आनंद गिरि का ज़िक्र किया है। इसके अलावा दो अन्य पुजारियों को प्रयागराज से हिरासत में लिया गया है। पुलिस शुरुआत में इस केस को आत्महत्या से जोड़ रही है, लेकिन तमाम रिपोर्ट्स आने के बाद ही अंतिम फैसला सुनाया जाएगा।