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राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच आज हाईकोर्ट के फैसले पर सभी की निगाहें

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट का फैसला

राजस्थान। राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच शुक्रवार को सभी की निगाहें राजस्थान हाईकोर्ट की ओर हैं। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और 18 विधायकों की विधानसभा सदस्यता को अयोग्‍य ठहराने को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई होनी है। बता दें कि पिछले सप्ताह विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के इस फैसले से राजनीति में भूचाल आ गया था। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की आदालत सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी।

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बता दें कि गुरुवार को ही पायलट गुट की ओर से प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए कोर्ट में एक अर्जी दी गई है। अगर इस अर्जी पर भी सुनवाई हुई तो फैसला आने में कुछ और वक्त लग सकता है। इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने 24 जुलाई की तारीख मुकर्रर की थी। वहीं गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखने का फैसला सुनाया गया था।

मामला राजस्थान में जारी सियासी संकट से जुड़ा है। पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकें हुईं। पार्टी ने इस बैठकों के लिए व्हिप जारी किया था। इन दोनों बैठकों में पायलट गुट नदारद रहा। इस व्हिप का उल्लंघन मानते हुए स्पीकर ने इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया। दूसरी ओर सचिन पायलट का कहना है कि पार्टी का विप विधानसभा सत्र के चलने के दौरान ही लागू होता है। बैठक के अगले दिन भी नहीं पहुंचने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

सचिन पायलट और कांग्रेस के बागी 18 विधायकों ने गुरुवार को प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए हाईकोर्ट में एक अर्जी दी। यह अर्जी इस आधार पर दाखिल की गयी है कि चूंकि संविधान की दसवीं अनुसूची की वैधता को चुनौती दी गयी है, इसलिए अब इसमें केंद्र को पक्ष बनाना जरूरी है। इससे पूर्व राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस को पायलट गुट ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

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सुप्रीम कोर्ट में भी हुई बहस

हाईकोर्ट द्वारा स्पीकर के निर्णय पर सुनवाई के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। इस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस मामले में स्पीकर की ओर से सर्वोच्च अदालत में जाने- माने वकील कपिल सिब्बल स्पीकर अपना पक्ष रखते हुए हाई कोर्ट के फैसले को गलत साबित करने की कोशिश की। वहीं बागी गुट की ओर से इस मामले में हरीश साल्वे विधायकों का पक्ष रखेंगे, लेकिन पहले राउंड में सिब्बल की ओर से स्पीकर का पक्ष रखा गया है। वहीं हरीश साल्वे अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे। कल की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि असंतोष की आवाज को इस तरह दबाया नहीं जा सकता है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जो विधायकों को लेकर बात की जा रही है, उन्हें अपनी बात रखने का हक है, क्योंकि उन्हें जनता ने चुना है।

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