क्षय रोग विभाग में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत शीतल प्रसाद ने अपने ही भांजे से नौकरी दिलाने के एवज में डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए और भांजे ने नौकरी न मिलने पर अपना पैसा वापस मांगा तो मामा ने उल्टा मुकदमे में फंसाने की धमकी दी, जिससे परेशान होकर युवक ने आज एसडीएम बांदा से शिकायत की।
शहर कोतवाली अंतर्गत ग्राम चंदवारा निवासी जितेंद्र कुमार पुत्र स्व. राम गोपाल ने बताया कि वह स्नातक बेरोजगार है। मैं नौकरी न मिलने से परेशान था।
इसी दौरान रिश्ते के मामा शीतल प्रसाद पुत्र महावीर प्रसाद जो क्षय रोग विभाग अतर्रा में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं से सन 2016 में मुलाकात हुई तो उन्होंने जननी सुरक्षा मिशन में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर की नौकरी दिलाने का वादा करते हुए डेढ़ लाख रुपये मांगे, नौकरी के लालच में मैंने उन्हें डेढ़ लाख रुपये दे दिया, लेकिन आज तक न तो नौकरी मिली और न ही पैसा वापस किया।
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जब मैंने उनसे अपना पैसा मांगा तो उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं सरकारी कर्मचारी हूं तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे, अगर ज्यादा परेशान करोगे तो तुम्हें मुकदमे में फंसा दूंगा।
उसने बताया कि मेरी तरह कई अन्य युवकों से भी नौकरी के नाम पर मामा ने लाखों रुपये ठग लिए हैं और आज तक किसी को नौकरी नहीं दिलाई, जिससे वह परेशान होकर वापस पैसा मांग रहे हैं लेकिन उन्हें भी मामा द्वारा किसी न किसी बहाने से टरकाया जा रहा है।
इस सम्बंध में भुक्तभोगी ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर दोषी मामा शीतल प्रसाद के खिलाफ के खिलाफ जांच करा कर पैसा वापस दिलाने और कानूनी कार्यवाही की मांग की है।