मथुरा। सर्दी का सितम बढ़ने के साथ ही धार्मिक नगरी के मंदिरों में खिचड़ी महोत्सव का आयोजन शुरू हो गया है। वैसे तो खिचड़ी महोत्सव अधिकांश मंदिरों में मनाया जाता है, लेकिन इसकी सबसे अधिक मान्यता भगवान कृष्ण के बंसी अवतार हरिवंश चंद्र महाप्रभु के अवतार भगवान राधा बल्लभ लाल से जुड़े मंदिरों में ज्यादा है। यहां सुबह सबसे पहले भगवान को खिचड़ी अर्पित की जाती है और उसके बाद मंगला आरती की जाती है।
खिचड़ी महोत्सव के पीछे मान्यता है कि सर्दी बढ़ने के साथ ही गोपियां भगवान कृष्ण और राधा जी को मेवा और गर्म मसालों से बनी खिचड़ी का भोग लगाती है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है विभिन्न आयुर्वेदिक पदार्थ से बनी खिचड़ी का प्रसाद लगाने से सर्दी नहीं लगती। इसी परम्परा का आज भी बृज में निर्वहन किया जा रहा है।
मध्य रात्रि से बनना शुरू होती है खिचड़ी
राधावल्लभ सम्प्रदाय के मंदिरों में भगवान को अर्पित की जाने वाली खिचड़ी मध्य रात्रि से बनना शुरू हो जाती है। इस खिचड़ी में मेवा, गर्म मसालों के अलावा घी का भरपूर प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा खिचड़ी के साथ गजक, आंवला , विभिन्न तरीके के अचार आदि भी भोग में लगाये जाते हैं। सुबह के समय जब मन्दिर खुलता है तो सबसे पहले भगवान को खिचड़ी का प्रसाद अर्पित किया जाता है और उसके बाद की जाती है उनकी मंगला आरती।
मंगला आरती के बाद भगवान देते हैं विभिन्न स्वरूप में दर्शन
मंगला आरती के बाद भगवान के विभिन्न स्वरूप में दर्शन कराए जाते हैं। राधा बल्लभ मन्दिर के सेवायत मोहित मराल गोस्वामी ने बताया कि जिस तरह भगवान द्वापर में विभिन्न स्वरूप धारण कर गोपियों को रिझाते थे। उसी तरह उनके दर्शन भक्तों को दर्शन कराए जाते हैं। इस दौरान उनको कभी पनिहारिन, कभी चूड़ी बेचने वाला, कभी खेल खेलते हुए, कभी फूल बेचने वाला बनाया जाता है। यह परम्परा करीब 500 वर्ष से चल रही है।
एक महीने तक चलता है खिचड़ी महोत्सव
बृज में यह उत्सव एक महीने तक चलता है। इस उत्सव की शुरुआत पौष महीने की द्वितीया से माघ महीने की प्रथम पखवारा तक किया जाता है। इस दौरान विभिन्न आयोजन मंदिरों में होते हैं। रसिक भक्त भगवान का स्मरण करने के लिए उनकी समाज गायन के जरिए आराधना करते हैं।
आयुर्वेद भी मान रहा खिचड़ी में डालने वाले पदार्थ हैं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
मंदिरों में होने वाला खिचड़ी महोत्सव धार्मिक नजरिया से तो महत्वपूर्ण है ही इसके अलावा आयुर्वेद के नजरिया से भी लाभप्रद है। आयुर्वेद के डॉक्टर राजीव गुप्ता ने बताया कि खिचड़ी में डलने वाले पदार्थ न केवल गर्मी प्रदान करते हैं बल्कि शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को भी मजबूत करते हैं। खिचड़ी में डालने वाले मसाले और मेवा शरीर में ऊर्जा प्रदान करते है और यह आसानी से पच जाते हैं।