• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

होली पर इस राज्य में ‘दामाद जी’, करते है गधे की सवारी, निकाला जाता है जुलूस

Writer D by Writer D
28/03/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, महाराष्ट्र, राष्ट्रीय
0
holi 2021

holi 2021

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

महाराष्ट्र के बीड जिले में दशकों से होली यानी रंग पंचमी के त्योहार पर एक अनोखी परंपरा चली आ रही है। इस परंपरा के तहत ‘चुने गए दामाद’ को गधे पर बिठाकर गांव का चक्कर लगवाया जाता है। दामाद को बाद में सोने की अंगूठी और नए कपड़ों से नवाजा जाता है। लेकिन इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए गांव में होली पर इस परंपरा का आयोजन नहीं किया जा रहा है।

दरअसल, ये परम्परा बीड की केज तहसील के विडा येवता गांव में करीब 80 साल से चली आ रही है। गांव वालों के मुताबिक दामाद को गधे पर बिठाकर गांव का चक्कर लगवाने के बाद उसे उसकी पसंद के कपड़े दिए जाते हैं। गधे पर दामाद की सवारी देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से भी लोग यहां आते हैं। गधे पर सवारी गांव का चक्कर काटने के बाद सुबह 11 बजे गांव के मंदिर पर खत्म होती है

जानिए क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, देश में है होली की मस्ती की धूम

इसके बाद दामाद के ससुर उसका मुंह मीठा कराते हैं और सोने की अंगूठी भेंट करते हैं। फिर उसे नए कपड़े दिए जाते हैं। इस बार कोरोना को देखते हुए एहतियात के तौर पर कई तरह की बंदिशें लागू है। होली पर महाराष्ट्र में हर जगह विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसलिए इस साल होली पर गांव वालों ने इस परंपरा को न मनाने का फैसला किया है।

कैसे शुरू हुई ये परंपरा: गांव में रहने वाले सुमित सिंह देशमुख ने बताया कि उनके परदादा अनंतराव ठाकुर देशमुख की ओर से आठ दशक पहले ये परंपरा शुरू की गई। सुमित सिंह के मुताबिक उनके परदादा के दामाद होली के दिन रंग खेलने से मना कर रहे थे, तब परदादा ने गांववालों के साथ मिलकर गधे का इंतजाम किया। गधे को फूलों से सजा कर उस पर दामाद को बिठा कर तीन घंटे तक गांव में बैंड बाजे के साथ जुलूस निकाला। बाद में गांव के मंदिर में जाकर दामाद का सत्कार हुआ और उसे सोने की अंगूठी और नए कपड़े भेंट किए गए। इस दौरान गांव वाले पूरे उल्लास के साथ होली खेलते रहे। तब से ये परंपरा लगातार चली आ रही है।

सांसद कौशल किशोर ने दी होली की शुभकामनाएं, कहा- नशा मुक्त होकर मनाएं होली का त्योहार

कैसे चुना जाता है दामाद: गांव के ही रहने वाले धनराज पवार के मुताबिक करीब 180 दामाद हैं जो गांव में ही अब बस गए हैं और यहीं काम-धंधा करते हैं। करीब 11,000 की आबादी वाले इस गांव में दामादों को शॉर्टलिस्ट करने का काम होली के कई दिन पहले शुरू हो जाता है। पहले 10 दामादों की लिस्ट तैयार होती है फिर उसमें से एक दामाद को चुना जाता है। कई दामाद चुने जाने पर ऐसा करने के लिए मना कर देते हैं। तकरार भी होती है। फिर गांव के बड़े बुजुर्ग और दोस्त उन्हें समझाते हैं। कई बार तो होली से पहले कुछ दामाद गांव छोड़कर दूर जाकर कहीं छुप गए। उन्हें ढूंढ निकाला गया और स्पेशल गाड़ी भेजकर वापस गांव लाया गया।

एक दामाद ने बताया अपना अनुभव: 42 साल के दत्तात्रेय गायकवाड़ पिछले साल होली पर गधे पर बिठा जुलूस निकाले जाने का अनुभव झेल चुके हैं। उन्होंने आजतक को बताया, ‘मुझे पहले ही भनक लग गई थी कि मुझे चुना गया है, इसलिए मैं भाग छिप रहा था। विडा येवता गांव से मेरा पैतृक गांव मसाजोग करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है। मसाजोग के बस स्टैंड से मैं कही दूर जाने की फिराक में था। वहीं मुझे विडा येवता गांव की टोली ने पकड़ लिया। मुझे गधे पर बैठने से डर लग रहा था। लेकिन फिर गांव वालों और रिश्तेदारों ने समझाया कि ये एक परंपरा है। हर दामाद को गधे पर बैठना ही होता है। इस बार तुम्हारा नंबर लगा है। हालांकि गधे पर सवार होने के बाद मेरा सारा डर दूर हो गया था। दो-तीन घंटे मुझे घुमाया गया, रंग लगाया गया, गालियां भी सुनने को मिलीं, लेकिन सब हंसी मजाक के माहौल में हो रहा था।’

PM Kisan:  होली बाद किसानों को मिलने वाली है खुशखबरी, आने वाली है अगली किस्त

हालांकि दत्तात्रेय गायकवाड़ को एक बात का मलाल है कि उनके ससुर ने उन्हें सोने की अंगूठी नहीं दी, हां नए कपड़े और खाने को ढेर सारी मिठाइयां जरूर मिली थीं. इस परंपरा से सौहार्द भी जुड़ा हुआ है। यहां किसी विशेष धर्म से ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग इसे उत्साह के साथ मनाते आए हैं। इस बार कोरोना के खतरे की वजह से आयोजन रद्द होने की वजह से गांव के लोग मायूस जरूर हैं। लेकिन उन्हें भरोसा है कि अगले साल तक सब ठीक हो जाएगा और इस परंपरा को फिर दोगुने जोश के साथ मनाया जाएगा।

Tags: #happy HoliHoliholi 2021Maharashtra News
Previous Post

सांसद कौशल किशोर ने दी होली की शुभकामनाएं, कहा- नशा मुक्त होकर मनाएं होली का त्योहार

Next Post

पीएम मोदी यात्रा के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा, हिन्दू मंदिरों पर हमला, 10 की मौत

Writer D

Writer D

Related Posts

Rava Appe
Main Slider

मधुमेह के मरीजों के लिए बेस्ट ये डिश, नोट करें रेसिपी

22/06/2025
coconut oil
Main Slider

बालों के लिए रामबाण है ये तेल, जानें इससे मिलने वाले फायदे

22/06/2025
Pimples
Main Slider

इन घेरलू नुस्खों से दूर करें मुहांसे

22/06/2025
Himalayan States
राष्ट्रीय

उत्तराखण्ड अन्तरिक्ष उपयोग केंद्र के सभागार में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

21/06/2025
Kanwar Yatra will be monitored with Nabh Netra drone
Main Slider

नभ नेत्र ड्रोन से होगी कांवड़ यात्रा की निगरानी

21/06/2025
Next Post
Violence in Bangladesh

पीएम मोदी यात्रा के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा, हिन्दू मंदिरों पर हमला, 10 की मौत

यह भी पढ़ें

KGMU

KGMU के मरीजों के लिए बड़ी राहत, हॉस्पिटल में मिलेंगी 10 हजार प्रकार की सस्ती दवाएं

29/05/2022
vagina

वजाइना से जुड़ी समस्याओं के उपाय

28/03/2023
Vishal Saini suicide case

विशाल सैनी आत्महत्या मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए यूपी सरकार

13/03/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version