लखनऊ। यूपी कैडर के IAS अफसर ( IAS officers ) घर लौटने से हिचक रहे हैं। तीन IAS अफसरों ने एक सप्ताह में नौकरी छोड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया है। एक सप्ताह पहले यूपी कैडर में केंद्र की प्रतिनियुक्ति से वापस भेजी गईं सीनियर IAS रेणुका कुमार ने इस्तीफा दे दिया है।
जानकारी के मुताबिक, यूपी में 1 हफ्ते के भीतर 3 आईएएस (IAS officers) ने वीआरएस (VRS) के लिए केंद्र सरकार को आवेदन कर दिया है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने इसकी जानकारी यूपी सरकार को दी है।
अब 1987 बैच की आईएएस अफसर रेणुका कुमार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। रेणुका कुमार इन दिनों केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सचिव हैं। यूपी से 2021 में वह केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर गई थीं। अचानक 28 जुलाई को उन्हें अपने होम कैडर यानी यूपी के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया। लेकिन उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है। बता दें कि रेणुका कुमार अगले साल 2023 में रिटायरमेंट हो रही हैं।
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इस महिला अफसर के वीआरएस के पीछे के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन पहली वजह उनकी नाराजगी और दूसरी सक्रिय राजनीति में आने की संभावना मानी जा रही है। सरकारी सूत्रों की मानें तो यूपी में किसी बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना के मद्देनजर उन्होंने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए दरख्वास्त लगाई है।
बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में जूथिका पाटणकर और विकास कोठवाल ने वीआरएस के लिए आवेदन किया। आईएएस अफसर जूथिका पाटणकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में केंद्रीय सूचना आयोग में सचिव पद पर तैनात हैं जबकि 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास गोठलवाल स्टडी लीव पर चल रहे हैं। उन्होंने वीआरएस के लिए यूपी सरकार के नियुक्ति विभाग में आवेदन किया है। इससे पहले 1993 बैच के आईएएस अफसर राजीव अग्रवाल 2019 में ही वीआरएस ले चुके हैं, जो दिन दिनों फेसबुक में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।