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वैष्णो देवी हादसे में एक ही मोहल्ले के दो घरों का बुझ गया चिराग, मचा कोहराम

माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में रात 2.30 बजे अचानक भगदड़ मच गई। हम 7 लोग एक साथ थे, सभी ने एक-दूसरे का हाथ मजबूती से पकड़ रखा था, लेकिन भगदड़ मचते ही महेंद्र और नरेंद्र का हाथ छूट गया, वो फिर दोबारा नहीं मिले। हादसे के एक घंटे के बाद रात 3.30 बजे दर्शन करने गए शिवम दीक्षित ने अपने भाई उत्कर्ष को हादसे की जानकारी दी। शिवम ने बताया कि अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और ये हादसा हो गया।

29 दिसंबर को कानपुर से पनकी गंगागंज भाग-2 मोहल्ले के 7 लोग प्रांशु ठाकुर, शिवम दीक्षित, अजय, कल्लू सविता, महेंद्र कुमार, नरेंद्र कश्यप और राहुल। एक साथ दर्शन करने गए थे। अचानक मची भगदड़ में महेंद्र गौर (26 वर्ष, साला) और नरेंद्र कौशिक (40 वर्ष, जीजा) की मौत हो गई। वे भगदड़ में अपने आपको संभाल नहीं पाए और भीड़ के पैरों तले दबकर उनकी मौत हो गई। मोहल्ले के उत्कर्ष ने बताया कि जीजा नरेंद्र को 1 जनवरी को जन्मदिन होता है। वे हर साल वैष्णो देवी दर्शन करने जाते थे।

माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़, 12 श्रद्धालुओं की मौत

महेंद्र पेट्रोल पंप में जॉब करता था। हाल ही में उसकी शादी तय हुई थी, इसको लेकर वो काफी खुश भी था। इसीलिए माता के दर्शन करने गया था।

पेशे से किसान नरेंद्र की करीब 6 साल पहले शादी हुई थी। नरेंद्र बिधनू स्थित काकोरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी जानकी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। नरेंद्र की 4 साल का बेटा निखिल और 3 साल की बेटी जान्हवी है। परिजनों ने खराब आर्थिक हालात को देखते हुए सरकार से मुआवजे की मांग की है।

मृतकों के घर पहुंचे एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि जम्मू से फ्लाइट से दोनों की डेडबॉडी को भेजा जा रहा है। बॉडी कब तक आएगी, इसकी कोई जानकारी दी गई है। फ्लाइट लखनऊ एयरपोर्ट पर लैंड करेगी। फ्लाइट में गोरखपुर के मृतक की भी डेडबॉडी भेजी जा रही है

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