नई दिल्ली| आयकर विभाग ने मान्यता प्राप्त भविष्य निधि कोषों (पीएफ) को ‘ए या इससे अधिक की रेटिंग वाली ऋण प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति दे दी है। ऐसे में इन पीएफ को ऋण या बांड पत्रों की रेटिंग नीचे आने पर भी इनमें अपने मौजूदा निवेश को कायम रखने में मदद मिलेगी।
अभी तक मान्यता प्राप्त कर्मचारी भविष्य निधि न्यासों को ‘एए या उससे ऊंची रेटिंग वाली प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति थी। एएए यानी ट्रिपल ए को सबसे ऊंची रेटिंग माना जाता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से 22 अक्टूबर को अधिसूचना जारी आयकर नियमों में संशोधन किया गया है। इसके तहत मान्यता प्राप्त पीएफ ट्रस्ट को वित्त वर्ष 2020-21 में ‘ए या उससे अधिक रेटिंग की प्रतिभूतियों में निवेश की अनुमति दी गई है।
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किसी मान्यता प्राप्त कर्मचारी भविष्य निधि कोष के लिए अपने कोष का 45 से 55 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूतियों, 35 से 45 प्रतिशत ऋण (बांड या मियादी जमा), शून्य से पांच प्रतिशत लघु अवधि के ऋण (मुद्रा बाजार, तरल कोष), पांच से 15 प्रतिशत शेयरों और शून्य से 5 प्रतिशत संपत्ति आधारित प्रतिभूतियों (रीट्स, इनविट्स) में निवेश करना अनिवार्य होता है।
सीबीडीटी ने अब आयकर नियमों में संशोधन कर पीएफ न्यासों को न्यूनतम ‘ए रेटिंग वाले बांड में निवेश की अनुमति दी है। पहले उन्हें कम से कम ‘एए रेटिंग वाले बांड में निवेश की अनुमति थी। नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार सुनील गिडवानी ने कहा, मौजूदा स्थिति और तरलता पर दबाव की वजह से रेटिंग एजेंसियों ने कई ऋण पत्रों की रेटिंग घटाई है। नियमों में बदलाव से पीएफ न्यासों को रेटिंग नीचे आने पर भी बॉन्ड में अपने मौजूदा निवेश को कायम रखने में मदद मिलेगी।