लखनऊ। UPPCL ने विकास प्राधिकरणों, निजी विकासकर्ताओं एवं व्यक्तिगत आवेदकों द्वारा विकसित किए जाने वाले बहुमंजिला भवनों या कॉलोनियों में विद्युत भार स्वीकृत करने के लिए नये आदेश जारी किए हैं। नई व्यवस्था में विद्युत अभियंताओं (Electrical Engineer) के भार स्वीकृति के अधिकार में वृद्धि कर दी गई है। इससे उपभोक्ताओं को विद्युत संयोजन लेने में आसानी होगी और उनका समय भी बचेगा।
पहले अवर अभियंता (Electrical Engineer) सिर्फ 4 किलोवाट तक घरेलू कनेक्शन दे सकते थे। अब वह 4 किलो वाट तक घरेलू एवं वाणिज्यिक दोनों प्रकार के कनेक्शन दे सकते हैं। अब तक उपखंड अधिकारी 10 किलो वाट तक घरेलू एवं वाणिज्य कनेक्शन दे सकते थे। मगर अब वह 5 से 25 किलोवाट तक घरेलू एवं वाणिज्यिक दोनों कनेक्शन दे सकते हैं। साथ ही निजी नलकूप के 25 हार्सपावर के कनेक्शन भी वे दे सकेंगे।
इसी प्रकार अधिशासी अभियंता (वितरण) को अभी तक 3000 केवीए तक कनेक्शन देने का अधिकार था। अब वह सभी विधाओं के 25 किलोवाट से अधिक और 3600 किलोवाट या 4000 केवीए तक विद्युत कनेक्शन स्वीकृत कर सकेंगे जबकि अधीक्षण अभियंता (वितरण) को 3600 किलोवाट या 4000 केवीए से अधिक भार स्वीकृति का अधिकार होगा। इस बदलाव से स्थानीय स्तर पर कनेक्शन देने में तेजी आएगी जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
अभियंताओं (Electrical Engineer) के वित्तीय अधिकार भी बढ़े
कारपोरेशन (UPPCL) की सहयोगी वितरण निगमों में वितरण खंडों, उपखंडों, मंडलों व जोन स्तर पर तैनात अभियंताओं के खरीद संबंधी अधिकारों में भी वृद्धि के आदेश जारी किए हैं। इसी मद्देनज़र में पूंजीगत कार्यों के लिए अधिशासी अभियंता को 10 लाख तक, अधीक्षण अभियंता को 10 से 25 लाख तक और मुख्य अभियंता (वितरण) को 25 लाख से अधिक खरीद का अधिकार दिया गया है। जबकि डिपोजिट कार्यों के लिए एक्सईएन की अधिकार सीमा 10 करोड़ तक, एसई की 25 करोड़ तक और मुख्य अभियंता की 25 करोड़ से अधिक होगा।
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राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा है कि फील्ड में कार्यरत विद्युत अभियंताओं के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि की गई है। इसके लिए ऊर्जा प्रबंधन का आभार। हमें पूर्ण विश्वास है कि उपरोक्त वित्तीय अधिकारों से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा।