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पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि एक गंभीर मुद्दा, केंद्र व राज्य सरकार करें चर्चा: निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण Nirmala Sitharaman

निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। देश में लगातार पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा जारी है, जिससे जनता परेशान है। बढ़ती कीमतों के बीच विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बढ़ती कीमतों पर बयान दिया है।

ईंधन की कीमत पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर और अहम मुद्दा है। दोनों केंद्र और राज्य सरकारों को उपभोक्ताओं को उचित स्तर पर खुदरा ईंधन उपलब्ध कराने के लिए बात करनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें कीमत में कटौती के अलावा कोई भी उत्तर जनता को संतुष्ट नहीं कर पाएगा। इसलिए वास्तविकता सामने लाने के लिए मैं जो भी कहूं, उससे लोग यही कहेंगे कि मैं उत्तर देने से बच रही हूं। इसलिए मैंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार का पेट्रोल की कीमत पर कोई नियंत्रण नहीं है, तेल कंपनियां कच्चे तेल का आयात करतीं हैं, रिफाइन करती हैं और वितरित करती हैं। इसलिए यह एक बड़ा धर्मसंकट है।

लगातार 12वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी

सरकारी तेल कंपनियों की ओर से लगातार 12वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहा। शनिवार को डीजल की कीमत में 37 से 39 पैसे तक की बढ़ोत्तरी हुई है, तो वहीं पेट्रोल की कीमत भी 38 से 39 पैसे तक बढ़ी है। दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इन दोनों शहरों में पेट्रोल की कीमत अपने सर्वोच्च स्तर पर है। इसके साथ ही दिल्ली में पेट्रोल का दाम 90.58 रुपये जबकि डीजल का दाम 80.97 रुपये पहुंच गया है।

वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत 97 रुपये व डीजल की कीमत 88.06 रुपये प्रति लीटर पर  पहुंच गई है। प्रीमियम पेट्रोल, जिस पर अधिक कर लगाया जाता है, की कीमत महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुकी है।

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