नई दिल्ली| कोरोना महामारी के कारण लाखों लोगों की वित्तीय स्थिति नाजुक हुई है। इसके चलते कर्ज लेने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसका फायदा उठाकर फर्जी लोन ऐप्स धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं।
जल्द कर्ज पाने के लिए लोग इन एप्स पर आधार कार्ड नंबर, पैन, बैंक खाता आदि निजी जानाकरी साझा कर रहे हैं। बाद में ये एप्स उन जानकारी के जरिये फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 50,000 लोगों से 15 करोड़ रुपये से अधिक का धोखाधड़ी किया जा चुका है।
अगर आप कर्ज लेने के लिए कोई लोन ऐप्स से संपर्क करते हैं और वह आपके कर्ज चुकाने की आदत या सिबिल स्कोर को लेकर गंभीर नहीं तो यह खतरे का संकेत है। कोई भी सही एप सबसे पहले आपके कर्ज और बिल भुगतान की आदत को चेक करता है। वह इसकी जानकारी सबसे पहले सिबिल स्कोर जुटाता है। ऐसा जो नहीं कर रहा है उससे आप कर्ज लेने का फैसला नहीं करे। आप अपनी जानकारी साझा कर फर्जीवाड़े का शिकार हो सकते हैं।
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अगर लोन ऐप आप पर एक तय समयसीमा के अंदर लोन के लिए आवेदन करने का दबाब बनता है तो यह सही नहीं है। लोन की जरूरत आपको है तो आप अपनी जरूरत के अनुसार आवेदन करेंगे। अगर कोई एप इस तरह का दबाब बनाए तो खतरे को भांप लें। इस तरह के कई मामले हाल के दिनों में आए जब जल्दबाजी में कागजी कार्रवाई पूरा करने का दबाब बनाकार फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है।
अगर, आपका ऋणदाता आवेदन, मूल्यांकन या क्रेडिट रिपोर्ट शुल्क के विस्तृत विवरण का खुलासा नहीं कर रहा है, तो उस लोन ऐप से लोन लेने का फैसला तुरंत खत्म कर दे।
अगर आप लोन देने वाली ऐप की वेबसाइट पर जाते हैं और वह सुरक्षित नहीं दिखता है या किसी बड़ी कंपनी की वेबसाइट का कॉपी लगता तो समझ लें कि यह लोन की आड़ में फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए किया गया है। साइबर ठग आम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए नए-नए तरीके इजाद करते रहते हैं।