नई दिल्ली। भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर सुबह 7:30 बजे तिरंगा फहराया। ध्वाजरोहरण के बाद जब पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करना शुरू किया तो सबसे पहले उन्हें छोटे-छोटे बच्चों की याद आ गई, जो हर साल उनके सामने कतार में बैठे होते थे। बता दें कि इस साल कोरोना वायरस की वजह से ये बच्चे शामिल नहीं हो पाए हैं और पूरे कार्यक्रम में सीमित मेहमानों को ही बुलाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। आज छोटे-छोटे बालक मेरे सामने नजर नहीं आ रहे हैं। भारत के उज्ज्वल भविष्य को कोरोना ने रोका हुआ है।’
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लाल किले पर पीएम ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया, उन्होंने सबसे पहले बच्चों को याद किया और कहा- ‘आज बच्चे नहीं आ पाए।’ उनकी बात से साफ जाहिर हो रहा था कि वह बच्चों को कितना मिस कर रहे थे। दरअसल, हर साल बड़ी संख्या में बच्चे लाल किले पर कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं। अलग-अलग स्कूलों से आए बच्चे तिरंगे परिधान में देश की युवा पीढ़ी की झलक दिखाते हैं। हर साल पीएम इन बच्चों से खास जोश के साथ मिलते भी हैं। इस साल कोरोना वायरस से पैदा हुए हालात को देखते हुए आम जनता कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई है। सामाजिक दूरी के नियम के साथ आयोजित हुआ स्वतंत्रता दिवस समारोह
इस वर्ष कोविड-19 महामारी की छाया स्पष्ट रूप से दिखाई दी जहां सभी कुर्सियों पर मास्क, सैनिटाइजर, एक जोड़ा दस्ताने युक्त एक किट रखा गया था तथा कुर्सियों को इस प्रकार से रखा गया था कि सामाजिक दूरी के मानकों का पालन हो सके।
लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में हर साल काफी भीड़ रहती थी और अलग-अलग आयु वर्ग के लोग काफी उत्साह से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे लेकिन इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण निर्धारित सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इसके आकार को घटा दिया गया।
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समारोह में मुख्य प्रवेश द्वार पर सीमित संख्या में आमंत्रित अतिथियों की व्यक्तिगत सुरक्षा किट (पीपीई) पहने सुरक्षा कर्मियों द्वारा थर्मल स्कैनिंग की गई। वहीं, सुरक्षा द्वारों के पास हैंड्स फ्री सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी।