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फाइनल मुकाबले में भारत दोनों स्पिनर्स को खिला सकती: सुनील गावस्कर

India can play both spinners in the final match: Sunil Gavaskar

India can play both spinners in the final match: Sunil Gavaskar

साउथम्पटन की भीषण गर्मी में न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारतीय टीम रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन दोनों को  खिला सकती है। उन्होंने कहा कि क्योंकि पिच धीरे धीरे सूखने के बाद स्पिनरों की मदद करेगी। गावस्कर 18 जून से शुरू हो रहे मैच की कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं और इस समय साउथम्पटन में हैं। उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा,”साउथम्पटन में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में पिच सूखी होगी और स्पिनरों की मदद करेगी लिहाजा अश्विन और जडेजा दोनों खेल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि हरफनमौला काबिलियत के दम पर भारतीय टीम में संतुलन नजर आ रहा है।”

उन्होंने आगे कहा ,”अश्विन और जडेजा बल्लेबाजी को भी गहराई देते हैं और गेंदबाजी में संतुलन लाते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ बाद में होने वाली श्रृंखला में बहुत कुछ मौसम और पिच पर निर्भर करेगा। इंग्लैंड को सीरीज में हराने के बाद न्यूजीलैंड के हौसले बुलंद है लेकिन गावस्कर का मानना है कि अभ्यास मैच नहीं मिलने के बावजूद भारतीय टीम की तैयारी भी मजबूत है। आजकल दौरों पर एक या दो अभ्यास मैच होते हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने आपस में अभ्यास मैच खेले। टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है और अधिकांश खिलाड़ी कई बार इंग्लैंड का दौरा कर चुके हैं। उन्हें हालात की जानकारी है। अश्विन इस दौरे पर अपने अनुभव से अहम भूमिका निभाएंगे और गावस्कर का मानना है कि तमिलनाडु के इस स्पिनर को गेंदबाजी करते देखना उतना ही शानदार अनुभव है जितना ईरापल्ली प्रसन्ना या हरभजन सिंह को देखना।”

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उन्होंने कहा कि ये सभी शानदार गेंदबाज है। प्रसन्ना को चतुर लोमड़ी कहा जाता था क्योंकि वह बल्लेबाजों को खराब शॉट खेलने के लिये उकसाने में माहिर थे। हरभजन सिंह भी चतुराई से विविधता लाते थे और उनके पास दूसरा भी था। गावस्कर ने कहा ,”अश्विन के पास यह सब है और उसने इसमें फ्लिकर या कैरम बॉल भी जोड़ ली है जो वाकई शानदार है।कप्तान विराट कोहली ने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन बाकी बल्लेबाज सीम और स्विंग के सामने लगातार अच्छा नहीं खेल सके हैं।” कोहली की सफलता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,”वनडे क्रिकेट के प्रभाव के कारण कई बार बल्लेबाज उछाल लेती गेंद को खेलने के चक्कर में पड़ जाते हैं। जहां गेंद स्विंग नहीं लेती, वहां चल जाता है लेकिन इंग्लैंड में गेंद स्विंग लेती है और शरीर के पास खेलना जरूरी है।”

उन्होंने कहा कि विराट कोहली सपाट पिचों पर ऐन मौके तक गेंद के आने का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि हर तरह की पिच पर वह कामयाब हैं। इंग्लैंड के खिलाफ भारत में सीरीज में वह शतक नहीं बना सके लेकिन 60 रन की पारी से दिखा दिया कि स्पिन गेंदबाजी को कैसे खेलना है। वह गेंद को सूंघ लेता था और यह महान बल्लेबाज की निशानी है। गावस्कर ने यकीन जताया कि रोहित शर्मा इंग्लैंड में उस फॉर्म को दोहराने में कामयाब रहेंगे जो 2019 में सीमित ओवरों की सीरीज में दिखाया था। इसके अलावा वर्ल्ड कप के पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साउथम्पटन में ही उन्होंने कठिन हालात में शतक बनाया था जिससे उनका हौसला बढेगा। उन्होंने कहा कि दो साल पहले इंग्लैंड में वर्ल्ड कप में रोहित ने पांच शतक बनाए थे। इस पिच पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक बनाया था। अब उसके पास अधिक अनुभव है तो मुझे यकीन है कि वह उस फॉर्म को दोहराएगा।

 

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