जीएसटी, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों समेत कई मुद्दों पर आज भारत बंद बुलाया गया है। ये बंद शुक्रवार सुबह 6 बजे से रात आठ बजे तक रहेगा।
सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) और अन्य संगठनों ने भी बंद के समर्थन का ऐलान किया है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा- शुक्रवार को देशभर में 1,500 स्थानों पर धरना दिया जाएगा। सभी बाजार बंद रहेंगे। 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों से जुड़े करीब 8 करोड़ कारोबारी बंद को समर्थन दे रहे हैं।
कैट के मुताबिक, पिछले साल 22 दिसंबर और उसके बाद GST नियमों में कई बदलाव किए गए। इसमें अधिकारियों को बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए। अब कोई भी अधिकारी कोई भी कारण लेकर किसी भी व्यापारी का GST रजिस्ट्रेशन नंबर सस्पेंड या कैंसिल कर सकता है। बैंक अकाउंट और संपत्ति भी जब्त कर सकता है। खास बात यह है कि ऐसा करने से पहले कारोबारी को कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। यह कारोबारियों के मौलिक अधिकारों का हनन है।
एक जनवरी से प्रभावी होने वाले नए ई-वे बिल नियम से ट्रांसपोर्ट और कारोबारी फिक्रमंद हैं, क्योंकि ई-वे बिल की लिमिट 100 किलोमीटर से बढ़ाकर 200 किलोमीटर कर दी गई है। दरअसल 2021-22 के बजट में ई-वे बिल के सेक्शन 129 में बदलाव किया गया। इसके मुताबिक यदि बिल में कोई गलती होती है, तो टैक्स और पेनल्टी दोनों लगेंगी। साथ ही जो टैक्स पहले वापस हो जाता था, वह अब नहीं होगा। यानी अनजाने में अगर छोटी गलती हो जाए तो पेनल्टी और जुर्माना दो गुना वसूला जाएगा।
Confederation of All India Traders has called for a nationwide strike today in protest against rise in fuel prices & new e-way bill & GST.
Lastest visuals from Bhubaneswar, Odisha. pic.twitter.com/BahRGdRVTR
— ANI (@ANI) February 26, 2021
सभी स्टेट ट्रांसपोर्ट यूनियन्स ने भी नए ई-वे बिल कानून के विरोध में कैट का समर्थन किया है। इस दौरान ट्रांसपोर्ट ऑफिस बंद रहेंगे। माल की बुकिंग, डिलिवरी, लोडिंग और अनलोडिंग बंद रहेगी। सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को सुबह 6 से शाम 8 बजे के बीच गाड़ियां पार्क रखने को कहा गया है।
होलसेल एवं रिटेल बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे। लेकिन आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को बंद में शामिल नहीं किया गया है। रिहायशी कॉलोनियों में लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें भी बंद से बाहर रहेंगी। ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था पर खास असर नहीं पड़ेगा। केवल व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित रहने की संभावना है।