केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आयोजन किया है। इसे समूचे विपक्ष ने जहां समर्थन दिया है, वहीं कई कर्मचारी संगठन और ट्रेड यूनियन भी किसानों के पक्ष में आ गई हैं।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों ने देश व्यापी प्रदर्शन की जहां घोषणा की है, वहीं केंद्र सरकार ने इस बावत सभी राज्यों को सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए एडवाइजरी जारी की है। वहीं किसान नेताओं ने कहा है कि वे सुबह सात बजे से शाम तक भारत बंद रखेंगे ।
उन्होंने विपक्ष द्वारा अपने आंदोलन को मिल रहे समर्थन का स्वागत किया है, वहीं यह भी कहा है कि वह अपने आंदोलन के मंच पर किसी भी राजनीतिक दल के नेता को बैठने नहीं देंगे। जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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किसानों द्वारा आहूत भारत बंद में कैब चालकों एवं मंडी कारोबारियों के कई संघों ने शामिल होने का फैसला किया है, जिससे मंगलवार को शहर में यातायात सेवा और फलों एवं सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
कुछ टैक्सी और कैब संघों ने एक दिन की हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है। कारोबारियों का एक समूह भी किसानों की मांग का समर्थन कर रहा है, जिसके कारण बड़ी सब्जी एवं फल मंडियों में काम बाधित होने की आशंका है। आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल खान ने कहा, मुझे कई कारोबारी संघों ने मंगलवार की हड़ताल के लेकर फोन किया है। मुझे लगता है कि गाजीपुर, ओखला और नरेला की मंडियां किसानों द्वारा बुलाए भारत बंद के कारण बंद रहेंगी।
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खान ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर लोगों से अपील की है कि वे देश को भोजन देने वाले किसानों का समर्थन करें।
इस बीच, दिल्ली के सर्वाेदय चालक संघ के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि मंगलवार को ओला, उबर और ऐप आधारित अन्य टैक्सी सेवाओं से जुड़े चालक सेवाएं नहीं देंगे। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने एक बयान में कहा कि दिल्ली स्टेट टैक्सी कोआपरेटिव सोसाइटी और कौमी एकता वेलफेयर एसोसिएशन समेत कई संघ हड़ताल में शामिल होंगे।
हालांकि कई अन्य ऑटो और टैक्सी संघों ने किसानों की मांगों का समर्थन करने के बावजूद सामान्य सेवाएं जारी रखने का फैसला किया है। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा कि महत्वपूर्ण ऑटो, टैक्सी चालक संघ हड़ताल में शामिल नहीं होंगे।
कैपिटल ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चंदू चौरसिया ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग माननी चाहिए, लेकिन इसके लिए आम लोगों को असुविधा नहीं होना चाहिए।
व्यापारियों के संगठन कनफेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के भारत बंद के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टस वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यू) भी घोषणा की है कि भारत बंद के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन भी सामान्य रहेगा। कैट और एआईटीडब्ल्यूए ने सोमवार को संयुक्त बयान में कहा कि किसी भी किसान नेता या संगठन ने उनसे इस मुद्दे पर समर्थन नहीं मांगा है। ऐसे में व्यापारी और ट्रांसपोर्टर भारत बंद में शामिल नहीं होंगे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार दिल्ली पुलिस ने प्रस्तावित भारत बंद के दौरान सड़कों पर सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए हैं। इस संबंध में एक यातायात परामर्श भी जारी किया गया है।