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भारत-डेनमार्क ने समझौतों पर हुए हस्ताक्षर, कई क्षेत्रों में करेंगे सहयोग

डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने पर्यावरण और पारिस्थितिकी के संरक्षण के साथ विकास के लिए अपनी अनूठी भागीदारी को गति देने के लिए कौशल विकास, स्वास्थ्य, कृषि, स्वच्छ पेय-जल, हरित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के समझौतों पर शनिवार को हस्ताक्षर किए।

राजधानी में श्री फ्रेडरिक्सन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शिखर बैठक के दौरान देनों पक्षों की ओर से इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। श्री मोदी ने बताया कि डेनमार्क ने भारत की पहल पर सौर ऊर्जा को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए सहयोग कार्यक्रम इंटरनेशनल सोलर एलायंस में शामिल होने का निर्णय किया है।

विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंधों के लागू होने के बाद पिछले 20 माह में किसी शासनाध्यक्ष या राष्ट्राध्यक्ष की भारत की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। श्री मोदी ने यहां हैदराबाद हाउस में श्री फ्रेडरिक्सन के साथ बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस बात का स्वयं उल्लेख किया कि लम्बे अंतराल के बाद किसी देश की सरकार का कोई मुखिया भारत आया है।

श्री मोदी ने कहा, “ कोरोना महामारी शुरू होने से पहले हैदराबाद हाउस नियमित रूप से शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत का साक्षी रहा है। पिछले 18-20 महीनों से यह सिलसिला थम गया था।”

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उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि श्री फ्रेडरिक्सन की इस यात्रा से आज वह सिलसिला पुन: शुरू हो रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच पछले साल वीडिया कांफ्रेंस के जरिए सम्पर्क का सिलसिला बना रहा। उन्होंने कहा, “वास्तव में आज से एक साल पहले हमने अपनी डिजिटल तरीके से हुई शिखर बैठक में ‘हरित रणनीतिक भागीदारी’ स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह भागीदारी हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि भारत और डेनमार्क की यह साझेदारी इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयास के जरिए प्रौद्योगिकी के माध्यम से पर्यावरण का संरक्षण करते हुए हरित आर्थिक-वृद्धि के लिए काम किया जा सकता है।

श्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का मिल कर सामना करने को प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंंने बताया कि दोनों पक्षों ने आज की बैठक में अपनी भागीदारी में प्रगति की समीक्षा की और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के विषय में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहरायी।

श्री मोदी ने कहा, “इस संदर्भ में यह भी बहुत प्रसन्नता की बात है कि डेनमार्क इंटरनेशनल सोला एलायंस का सदस्य बन गया है। हमारे सहयोग में यह एक नया आयम जुड़ा है।”

श्री मोदी ने कहा कि भारत में आर्थिक सुधारों और विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों से डेनमार्क की कंपनियों के लिए यहां निवेश के लिए अपार अवसर हैं। उन्होंने कहा कि आज की मुलाकात में इन अवसरों पर चर्चा हुई। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि डेनमार्क की कंपनियों के लिए भारत कोई नयी जगह नहीं है। वहां की कंपनियां भारत में ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, लाजिस्टिक्स, बुनियादी ढ़ांचा, मशीनरी और साफ्टवेयर क्षेत्र में पहले से काम कर रही हैं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत के मेक इन इंडिया और मेक इन इंडिया फार वर्ल्ड अभियान में डेनमार्क की कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान किया है। भारत विनिर्माण के क्षेत्र में आकार को विस्तार और काम को रफ्तार देना चाहता है।

श्री फ्रेडरिक्सन की इस यात्रा में हुए सहयोग के नए करारों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नयी भागीदारी शुरू की है। भारत में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने कृषि संबंधित प्रौद्योगिकी के मामलों में भी सहयोग करने का निर्णय लिया है।

श्री मोदी ने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के तहत देनों देश कोल-चेन, खाद्य प्रसंस्करण, उर्वरक, मछली पालन, एक्वाकल्चर आदि क्षेत्रों की प्राैद्योगिकी पर काम करेंगे।

दोनों पक्ष स्मार्ट जल-संसाधन प्रबंध, कचरे के सदुपयोग और आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि आज की शिखर बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के बराबर समर्थन के लिए डेनमार्क के प्रति आभार व्यक्त किया और इच्छा जतायी कि आगे भी वहां की सरकार से इस तरह का समर्थन बना रहे। उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों लोकतांत्रिक देश एक-दूसरे के साथ इसी प्रकार से मजबूत सहयोग एवं समन्वय के साथ काम करते रहेंगे।

श्री मोदी ने भारत और डेनमार्क के बीच अगली शिखर बैठक के लिए डेनमार्क के निमंत्रण के लिए श्री फ्रेडरिक्सन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आज की बहुत उपयोगी बातचीत से दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग का एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

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