वाशिंगटन। भारत के प्रति चीन की सैन्य आक्रामकता की निंदा करने वाला प्रस्ताव अमेरिका में द्विदलीय संसदीय समिति से पारित होने के बाद अब कानून बन गया है। सांसद राजा कृष्णमूर्ति के प्रस्ताव में चीन से कहा गया है कि वह भारत के साथ मिलकर सीमा विवाद को तत्काल हल हल करे। चीन का सीमा विवाद पूरी तरह निराधार है। अब इस मुद्दे को कानून में शामिल कर अमेरिका ने स्पष्ट रूप से चीन को कड़ा संदेश दिया है और भारत के साथ दोस्ती की प्रतिबद्धता जताई है।
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राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार एक्ट (एनडीएए) 2021 के पारित होने के बाद भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा है कि उनका चीन संबंधी प्रस्ताव भी कानून में शामिल हो गया है। कृष्णमूर्ति ने ही चीन की भारत के प्रति एलएसी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य आक्रामकता की निंदा का प्रस्ताव पेश किया था। यह प्रस्ताव अमेरिका के 740 बिलियन डॉलर के रक्षा नीति बिल में शामिल है। कृष्णमूर्ति ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि चीन की एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर भारत के प्रति हिंसक आक्रामकता कतई सहने लायक नहीं है।
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उन्होंने कहा कि हम नए साल पर इस कानून को पारित कर भारत और दुनियाभर में हमारे सभी सहयोगियों को समर्थन और एकजुटता का स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं। ट्रंप ने बिल पर वीटो लगा दिया था। वीटो को संसदीय समिति ने रद कर कानून का रूप दे दिया है। चीन और भारत के बीच लंबे समय से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैन्य तनाव की स्थिति बनी हुई है। कई चरणों में वार्ता होने के बाद भी अभी तक इसमें कोई ठोस हल सामने नहीं आया है।