नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने जनवरी महीने के आखिरी रविवार को देश को मन की बात के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी रगो में लोकतंत्र है और भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि जनवरी का महीना काफी इवेंटफुल होता है। इस महीने 14 जनवरी के आसपास देशभर में त्योहारों की रौनक होती है। इसके बाद देश गणतंत्र दिवस मनाता है। गणतंत्र दिवस की परेड को लेकर कई लोगों ने हमें चिट्ठी लिखी है। इस दौरान पीएम ने कई लोगों के बारे बताया कि झांकी में महिलाओं की साझेदारी को लेकर बहुत खुश हैं।
इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने जनजातीय समाज के लिए काम करने वाले लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी है। पीएम ने कहा कि जनजातीय समुदाय धरती और विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं। उनके लिए काम करने वाले व्यक्तियों का सम्मान युवाओं को प्रेरित करेगा। पीएम ने कहा कि इस साल नक्सल प्रभावित इलाकों में भी पद्म पुरस्कारों की धूम है।
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इन इलाकों में युवाओं को सही राह दिखाने वालों को भी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर में संस्कृति के संरक्षण में जुटे लोगों को भी सम्मानित किया गया है। पीएम ने कहा कि संगीत हर किसी को पसंद है, हर किसी की संगीत की पसंद अलग हो सकती है। लेकिन हर किसी के जीवन का हिस्सा है। कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने संगीत की दुनिया को समृद्ध किया है। ऐसे लोगों को पद्म पुरस्कार मिले हैं।
पीएम ने जनजातीय समाज के बीच काम करने वाले लोग राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर काम करते हुए जीवन को समर्पित कर देते हैं। उन्हें इसके लिए कभी पुरस्कार की आशा नहीं थी। ऐसे समर्पित लोगों को सम्मानित करके देशवासियों का गौरव बढ़ा हैं। आपसे आग्रह है कि पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों के प्रेरक जीवन के विषय में जानें और सबको बताएं।
‘अंबेडकर ने की थी बौद्ध भिक्षु संघ से संसद की तुलना’
डॉ। अंबेडकर का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उन्होंने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने एक ऐसी संस्था बताया था जहां मोशंस, रिजोल्यूशंस, कॉरम, वोटिंग और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। बाबा साहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी। हमारे देश के इतिहास में लोकतांत्रिक मूल्यों के कई उदाहरण मिलते हैं।
देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी: पीएम मोदी (PM Modi)
प्रधानमंत्री ने मन की बात में ‘इंडिया: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पुस्तक का भी जिक्र किया। पीएम ने बताया कि इस किताब में देश के बारे में कई बेहतरीन निबंध हैं। हमारा देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है। लोकतंत्र हमारे रगों में हैं। हमारे संस्कृति में है। सदियों से हमारे काम का हिस्सा रहा है। स्वभाव से हम डेमोक्रेटिक सोसायटी भी की हैं।
मिलेट्स को बाजार तक लाने से किसान खुश: मोदी (PM Modi)
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित किए गए इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत के प्रस्ताव पर योगा की तरह ही मिलेट्स ईयर घोषित किया गया है। मोदी ने कहा कि मिलेट्स को लोग बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं। खानपान का हिस्सा बना रहे हैं। इसका प्रभाव दिख रहा है कि छोटे किसान उत्साहित हैं। वो खुश हैं कि दुनिया महत्व समझने लगी है। इस दौरान पीएम ने कहा कि मिलेट्स को बाजार तक पहुंचाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं।
गोवा में अनूठा प्रयोग किया गया: पीएम मोदी (PM Modi)
गोवा में दिव्यांग लोगों के लिए आयोजित किए गए इवेंट पर्पल फेस्ट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर यह अपने आप में अनूठा प्रयास था। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। यहां आए लोग इस बात को लेकर रोमांचित थे कि वो अब मीरामार बीच घूमने का आनंद उठा सकते हैं। दरअसल मीरामार बीच हमारे दिव्यांग भाई-बहनों के लिए Accessible Beaches में से एक बन गया है।
रामसर साइट्स को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) ने जताई खुशी
आज पूरी दुनिया में क्लाइमेट चेंज और बायोडायवर्सिटी के संरक्षण की बहुत चर्चा होती है। इस दिशा में भारत के ठोस प्रयासों के बारे में हम लगातार बात करते रहे हैं। भारत ने अपने वेटलेंड्स के लिए जो काम किया है, वो जानकर आपको भी अच्छा लगेगा। हमारे देश में अब रामसर साइट्स की कुल संख्या 75 हो गई है, जबकि 2014 से पहले सिर्फ 26 थी। इसके लिए स्थानीय समुदाय बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने बायोडायवर्सिटी को संजोकर रखा है। यह प्रकृति के साथ सद्भावपूर्वक रहने की हमारी सदियों पुरानी संस्कृति और परंपरा का भी सम्मान है।
कश्मीर में Snow Cricket पर जोर: मोदी (PM Modi)
इसके अलावा कश्मीर के सय्यादाबाद में विंटर गेम्स आयोजित किए गए। इन गेम्स की थीम्स थी- Snow Cricket। आप सोच रहे होंगे कि स्नो क्रिकेट तो ज्यादा ही रोमांचक खेल होगा। तो आप बिल्कुल ठीक सोच रहे हैं। कश्मीरी युवा बर्फ के बीच क्रिकेट को और भी अद्भुत बना देते हैं। इसके जरिए कश्मीर में ऐसे युवा खिलाड़ियों की तलाश भी होती है। जो आगे चलकर टीम इंडिया के तौर पर खेलेंगे। ये भी एक तरह से खेलो इंडिया मूवमेंट का ही विस्तार है।